arman 12:00:00 AM 17 Jun, 2017

इंतज़ार रहता है हर शाम तेरा;
यादें काटती हैं ले-ले के नाम तेरा;

मुद्दत से बैठे हैं तेरे इंतज़ार में;
कि आज आयेगा कोई पैगाम तेरा!

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