TIPU Bareilly@99 12:00:00 AM 18 Feb, 2017

रेतों पे हर कदम निशान बन गए
ये जख़्म तेरे सितम की पहचान बन गए

आँसू पिलाके रूह को जिंदा तो कर लिया
अब प्यास है इतनी कि बेजान बन गए

अब तक तो मुझे तेरा सुराग न मिला
तुझे खोजने में खुद से ही अंजान बन गए

लंबी उमर थी लेकिन तेरे ही इश्क में
दुनिया में दो घड़ी के मेहमान बन गए🌹🌹

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