"" जिंदगी हो मेरी परवान की सूरत
या रब ....
इल्म की शम्मा से
हो मझको मोहब्बत
या रब ....
हो मेरा काम
गरीबों की इनायत करना ....
दर्द मन्दो से
जहीफों से मोहब्बत करना ....
लब पे आती है दुआ
बन के तमन्ना मेरी ....
जिन्दगी शम्मा की सूरत हो
खुदाया मेरी .......।
