TIPU Bareilly@99 12:00:00 AM 18 Feb, 2017

एक कंजूस आदमी जिंदगी भर अपने पुत्रों को कम से कम खर्च करने की हिदायतें देता रहा था।

जब वह मरणासन्न स्थिति में पहुंच गया तो पुत्र आपस में मशवरा करने लगे कि किस प्रकार पिता की इच्छा के अनुसार कम से कम खर्च में उनकी अंतिम यात्रा निपटाई जाए।

एक ने कहा, ऐम्बुलेंस में ले जाया जाए।

दूसरे ने कहा, नहीं, ऐम्बुलेंस बहुत मंहगी होगी।
ठेलागाड़ी में ले चलते हैं।

तीसरे ने कहा, क्यों न साइकिल पर बांधकर ले चलें?

यह सब सुनकर कंजूस से रहा नहीं गया। उठकर बोला, कुछ मत करो, मेरा कुर्ता और जूते ला दो। मैं पैदल ही चला जाऊंगा।
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