Rakesh 12:00:00 AM 18 Jul, 2017

मोहब्बत में डूबे लफ्जों को लिखना उतना आसान नही है
जैसा तुम्हें लगता है पानी पर चलना उतना आसान नही है

शायर अगर आशिक हो फिर शायरी भी नशे जैसी हो तो
अल्फाजों के जाम पीकर सम्भलना उतना आसान नही है

एक ओर महबूब की तमन्नाएँ एक ओर गज़लों के अरमान
ऐसी दोधारी तलवार पर पाँव रखना उतना आसान नही है

कलम को कमीज में डाल दे या जेब में गुलाब को लगा दे
दो जज्बातों में किसी एक को चुनना उतना आसान नही है

मुझे मेरा प्यार ही नही, दुनिया का हर प्यार प्यारा है लेकिन
फूलों को परखना कांटो को समझना उतना आसान नही है

मैं मिलन की नज्म लिख दूँ पर कई लोग अपनों से दूर भी है
अलग अलग सुरों को सरगम में भरना उतना आसान नही है

कौन पढ़ता है मोहब्बत की दास्तान लिखने वालों के बारे में
शेर पढ़ना तो आसान है जिंदगी पढ़ना उतना आसान नही है

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