arman 12:00:00 AM 18 Jun, 2017

बदलना आता नहीं हम को मौसमों की तरह,
हर एक रूप में तेरा इंतज़ार करते हैं!

न तुम समेट सकोगी जिसे कयामत तक,
कसम तुम्हारी तुम्हें इतना प्यार करते हैं!

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