सून पगली ये जो तुमसे इश्क़ बेपनाह है,
यही मेरा गुनाह है,
होंगे औरो के ख़ुदा लाखो लेकिन,
मेरी तो बस एक तू ही मुमताज है..
सून पगली ये जो तुमसे इश्क़ बेपनाह है,
यही मेरा गुनाह है,
होंगे औरो के ख़ुदा लाखो लेकिन,
मेरी तो बस एक तू ही मुमताज है..