होंसलों में लगता है तेरे कमी कुछ और है,
चाहती कुछ और है तू बोलती कुछ और है,
यूँ तो कटने को मेरी कट जाएगी तेरे बगैर,
तू मगर आ जाये तो ये ज़िन्दगी कुछ और है !
होंसलों में लगता है तेरे कमी कुछ और है,
चाहती कुछ और है तू बोलती कुछ और है,
यूँ तो कटने को मेरी कट जाएगी तेरे बगैर,
तू मगर आ जाये तो ये ज़िन्दगी कुछ और है !