TIPU Bareilly@99 12:00:00 AM 19 Feb, 2017

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तेरी खुशबू का पता करती है,
मुझ पे एहसान हवा करती है ॥

शब की तन्हाई मे अब तो अक्सर,
गुफ्तगू तुझ से रहा करती है ॥

दिल को उस राह पे चलना ही नही,
जो मुझे तुझ से जुदा करती है ॥

ज़िंदगी मेरी थी लेकिन अब तो,
तेरे कहने में रहा करती है ॥

दर्द हुआ करता हैं कुछ और बयाँ
आँख कुछ और बयाँ करती हैं ॥

शाम पडते ही किसी शख्स की याद,
कूचा ए जां में सदा करती है ॥
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