एक लोहार काफी बूढ़ा हो गया था। उसने सोचा कि उसे अपने साथ किसी आदमी को काम पर रख लेना चाहिए। तब उसने छगन को बुलाया और अपने साथ काम पर रख लिया। छगन उससे हर काम से पहले उसके बारे में पूछ लेता। बूढ़ा काफी चिड़चिड़ा और सख्त स्वभाव का था। उसने छगन से कहा कि वह ज्यादा सवाल न पूछा करे, बस जितना कहा जाए, उसे चुपचाप किया करे। एक दिन लोहार ने जलती हुई भट्टी से लोहा निकाला और पत्थर पर रख दिया। उसने हथौड़ा उठाया और छगन को पकड़ाया और कहा, ‘जब मैं अपना सिर हिलाऊं तो इसे पूरे जोर से मार देना।’ और बस तब से शहर के लोग किसी नए लोहार की तलाश में है।
