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Aman
12:00:00 AM 24 Feb, 2017
गम में डूबा है सफर मेरी ज़िन्दगी का
मेरी झूठी मुस्कान पे लोग मुझे खुशमिज़ाज़ कहते हैं 🙃
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#21907 arman
12:00:00 AM 13 May, 2017
चलो
फिर एक बार
चलते हैं
हक़ीक़त में
खिलते हैं फूल जहाँ
महकता है केसर जहाँ
सरसों के फूल और लहलहाती हैं फसलें
हँसते हैं रंग-बिरंगे फूल
मंड़राती हैं तितलियाँ
छेड़ते हैं भँवरें
झूलती हैं झूलों में धड़कनें
घेर लेती हैं सतरंगी दुप्पटों से
सावन की फुहारों में
चूमती है मन को
देती है जीवन
जहाँ जीवन लगता है सपना
आओ
फिर एक बार, चलते हैं।
उलाहनों से दूर
करते हैं अनदेखा ख़ामियों को
भूलते हैं एक दूसरे के फेंके हुए
दर्द भरे, चुभते आग से तीरों को
क्योंकि जीवन
जीने का नाम है
गुज़ारने का नहीं, बहुत गुज़ार लिया
आओ फिर से जिएँ
सपने को जीवन में बदलने
और जीवन को सपने में
चलो
फिर एक बार लिखें
खुशबू से भरे भीगे ख़त
जिन्हें पढ़ते-पढ़ते भीग जाते थे हम
इंतज़ार करते थे डाकिये का
बंद कर के दरवाज़ा
पढ़ते थे चुपके-चुपके
वे भीगे ख़त तकिए पर सिर रख कर
चौंकते थे आहट पर
धड़कते थे दिल टेलिफोन की घंटी पर
कुछ कहते न बनता था
झूमता रहता था तन और मन
मिलते न थे पर जीते थे, एक दूसरे के लिए
जीने मरने का जज़्बा था जहाँ दोनों तरफ़
प्यार मरता नहीं है कभी
अहसास मरते नहीं कभी
तभी तो चलता है मुश्किलों में भी रास्ता बनाता
हुआ जीवन
हालात बदलते नहीं अपने आप
बसंत आता नहीं अपने आप
लाना पड़ता है वरना क़ुदरत तो बदलती रहती है रंग
अपने समय पर
कोई देखे या न देखे उसकी सुंदरता
अपने रंगों में रंगती रहती है वह
देखो तो बहार है
न देखो तो पतझड़-वीरान
आओ
चलें फिर एक बार देखने
अंदर से बाहर की बहार
जीवन बहारों का नाम है
बहारें जीवन जगमगाती हैं
कुंठाएँ जीवन बुझाती है
अंगों को भी रोगों की परतों में
सुलाने लगती हैं
बीमारी में डूबाने लगती हैं
करने लगती हैं नब्ज़ें भी ठंडी
लगा देती हैं दवाओं के अंबार
कर देती हैं स्वाद भी कसैला
भिगा देती हैं आँखें, कर देती हैं अकेला
आओ
चलो फिर एक बार
इन कुंठाओं भरे अँधेरे से दूर
अपेक्षाओं की दुनिया से दूर
कुछ करने, कुछ सहने की
उसी तैयारी के क्षणों में जब करते थे घंटों इंतज़ार
माँगते थे माफ़ी तुरंत
कर भी देते थे माफ़ डूबे हुए प्रेम में
जहाँ सिर्फ़ प्रेम ही रह जाता था
घुल जाते थे सारे अहम, अभिमान
आओ
चलें फिर एक बार
भूलने, छोड़ने की दुनिया में
सिर्फ़ देने और सहने के जज़्बे में
क्योंकि सुनना, सहना, देना और भूलना ही
प्रेम की परिभाषा है
इसीलिए प्रेम कभी मरता नहीं
मरते हैं शरीर
ज़िंदा रहते हैं, रखते हैं अहसास
प्रेम और अहसास का नाम ही
जीवन है
और जीवन तभी चलता है
आओ
फिर एक बार चलें
जीवन की ओर
#22477 Aman
12:00:00 AM 21 May, 2017
"याद करते है तुम्हे तनहाई में,
दिल डूबा है गमो की गहराई में,
हमें मत धुन्ड़ना दुनिया की भीड़ में,
हम मिलेंगे में तुम्हे तुम्हारी परछाई में."
#45481 Reena
12:00:00 AM 21 Feb, 2018
याद करते है तुम्हे तनहाई में,
दिल डूबा है गमो की गहराई में,
हमें मत ढूंढना दुनिया की भीड़ में,
हम मिलेंगे में तुम्हे तुम्हारी परछाई में।