फासले अक्सर रिश्तों में
दूरी बढ़ा देते हैं।
पर ऐसा नही है की
मैंने अपनों से मिलना छोड दिया है ।
हाँ ज़रा अकेला हूँ , दुनिया की भीड में।
.पर ऐसा नही की ,
मैंने अपनापन छोड दिया है ।
याद करता हूँ अपनों को,
परवाह भी है मन में।
बस , कितना करता हूँ
ये बताना छोड दिया।
