एक बार एक बूढी महिला अपने घर के आँगन मैं बैठी स्वेटर बुन रही थी
कि तभी अचानक एक आदमी उसकी आँख बचाते हुए
उसकी कुर्सी के नीचे बम रख कर भाग गया।
आदमी को इतनी जल्दी में भागते हुए देख,
कुछ लोगों को शक हुआ तो उन्होंने आँगन
में झाँक कर देखा तो
उनकी नज़र बुढिया की कुर्सी के नीचे रखे बम पर पड़ी।
यह देख कर उन लोगों ने बुढिया को आगाह करने के लिए
घर के बाहर से ही चिल्लाना शुरू कर दिया "बुढिया बम है, बुढिया बम है।"
यह शोर-गुल सुन कर बुढिया एक पल के लिए
चौंकी और फिर शर्माते हुए बोली, "
अरे अब वो बात कहाँ, बम तो मैं जवानी में होती थी।"
