कबीर दास...
पाथर पाथर जोड़ के मस्जिद लिया बनाएं
ता मुल्ला बांग दे का बहरा है ख़ुदा
कबीर दास को पता ही नही था की अज़ान और नमाज़ में फर्क क्या है..और दोहा दिया बनाये...
अजान इंसानो को बुलाने के लिए दी जाती है .(तेज़ आवाज़ में होती है)
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और नमाज़ ख़ुदा के लिए जो बिना आवाज़ के पढ़ी जाती है
