Reena 12:00:00 AM 29 Jul, 2018

तुम्हारे हुस्न का जलवा नक़ाब में क्यों है
ये काँटा सा लगा है तो गुलाब में क्यों है

वो ख्वाब में तो बहुत ही हसीन लगती है
मुझे मिले भी सही मेरे ख्वाब में क्यों है

हमारे वास्ते वो फूल जो खरीदा था
मगर वो फूल अभी तक तेरी किताब में क्यों है

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