नफरत लाख मिली मुझे
चाहत नहीं मिली,
ज़िन्दगी बीत चली पर
ग़म से राहत नहीं मिली,
उसकी महफ़िल में हर शख्स को हँसते देखा,
एक हम थे कि
हमें हँसने की भी इजाज़त नहीं मिली।
नफरत लाख मिली मुझे
चाहत नहीं मिली,
ज़िन्दगी बीत चली पर
ग़म से राहत नहीं मिली,
उसकी महफ़िल में हर शख्स को हँसते देखा,
एक हम थे कि
हमें हँसने की भी इजाज़त नहीं मिली।