ख़्वाहिशों से नहीं गिरते महज़ फूल झोली मे,
कर्म की शाख को हिलाना होगा,
न होगा कुछ कोसने से अंधेरे को,
अपने हिस्से का दिया खुद ही जलाना होगा !!
🌹🙏
ख़्वाहिशों से नहीं गिरते महज़ फूल झोली मे,
कर्म की शाख को हिलाना होगा,
न होगा कुछ कोसने से अंधेरे को,
अपने हिस्से का दिया खुद ही जलाना होगा !!
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