हर मुलाकात को याद हम करतें हैं
कभी चाहत कभी जुदाई कि आह भरते है
यूं तो रोज़ तुम से सपनो मे बात करते हैं
पर फिर से अगली मुलाकात का इन्तज़ार करते है
हर मुलाकात को याद हम करतें हैं
कभी चाहत कभी जुदाई कि आह भरते है
यूं तो रोज़ तुम से सपनो मे बात करते हैं
पर फिर से अगली मुलाकात का इन्तज़ार करते है
