Afsar 12:00:00 AM 28 Jul, 2017

और सबसे मस्त तो वो चोर होता था।
ये साला पूरी दुकान लूटकर ढाई बजे भागता था

और एक मोटे तोंद वाला नकारा पुलिस सिपाही पैंतालीस मिनट
बाद उसे पकड़ने भागता।

इस पूरे काण्ड में फायदा या तो चोर को होना था,
या नहीं तो सिपाही को प्रोमोशन मिलनी थी।

पर सवाल हमसे तलब किये जाते कि, "बताओ
पुलिस कितने घंटे बाद चोर को पकड़ेगा?"

अबे मैं क्या दरोगा हूँ जो मेरे से पूछ रिये हो। सच तो ये है
कि तुम्हारा सिपाही कभी नहीं पकड़ पायेगा,

क्योंकि साला चोर 120 की स्पीड में कार से भागा है
और तुम्हारा सिपाही
45 मिनट बाद 12 की स्पीड में पैदल। कमबख्त मारे!

Related to this Post: