shaan 12:00:00 AM 26 Jul, 2017

पड़ोस में सत्यनारायण कथा की आरती हो रही थी।
आरती की थाली मेरे सामने आने पर,

मैंने अपनी जेब में से छाँट कर कटा फटा दस रूपये का नोट कोई देखे नहीं,
ऐसे डाला।
वहाँ अत्याधिक ठसा-ठस भीड़ थी।

मेरे कंधे पर ठीक पीछे वाली आंटी ने थपकी मार कर
मेरी ओर 2000 रूपये का नोट बढ़ाया।

मैंने उनसे नोट ले कर आरती की थाली में डाल दिया।
मुझे अपने 10 रूपये डालने पर थोड़ी लज्जा भी आई।

बाहर निकलते समय मैंने उन आंटी को श्रद्धा
पूर्वक नमस्कार किया,

तब उन्होंने बताया कि 10 का नोट निकालते समय 2000 का नोट
मेरी ही जेब से गिरा था। जो वे मुझे दे रही थी।

बोलो सत्यनारायण भगवान की जय!

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