तुम्हारे ज़ज्बे को सलाम देवियों ..!!!
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भारतीय महिलाएं काफी लंबे समय से
सर्दियों के मौसम में बिना स्वेटर और शॉल के
शादियां अटैंड करती आ रही हैं..
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मैरिज गार्डन के ओपन लॉन की सर्द हवा में
जहां पांच मिनट में ही मर्दों के दांत
किटकिटाने लगते हैं, वहां ये वीर बालाएं
अपनी महँगी ड्रेस को दिखाने के लिए स्वेटर
तक नहीं पहनतीं !
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चार घंटे के फंक्शन में उन्हें अपनी तीनों ड्रेसें
पहननी होती हैं ...
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हर नई ड्रेस पहनने से पहले ये भी कंफर्म
करना होता है कि पुरानी वाली सभी ने
देखी या नहीं ?
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सरकार को चाहिये कि 26 जनवरी से हर साल
ऐसी वीरांगनाओं का भी सम्मान हो जिन्होंने
अदम्य साहस, अटूट इच्छाशक्ति और अद्भुत
पराक्रम का परिचय देते हुए भीषण शीत लहर के
बीच इस सीज़न सात या उससे अधिक
शादियां बिना स्वेटर और शॉल के अटेंड की...!!!
