ADMIN 05:30:00 AM 01 Jan, 1970

एक बार प्यारे नबी के कदमों में एक कबूतर आकर बैठ गया।
इतने में एक बाज भी दुसरी तरफ आ बैठा।

कबूतर प्यारे नबी से बोला, या रसूलुल्लाह ये बाज मुझे
खाना चाहता है, मेरे छोटे छोटे बच्चे है।

प्यारे नबी ने बाज को देखा और फरमाया इसको छोड़ दो।
बाज बोला अगर में इसको छोड़ दुंगा तो मेरे
बच्चे भुखे रह जायेंगे।

आप ने फरमाया ये बात है तो तुम मेरे रान से गोश्त उतार लो,

वो दोनों बोले, या रसूलुल्लाह हम आप पर कुरबान हो जाये,

हम फरिश्ते है। हमें अल्लाह रब्बूल ईज्जत ने भेजा है के जाओ
देखो मेरा प्यारा महबुब कैसे प्यारे फैसले फरमाता है।
सुब्हान अल्लाह दरूद पढ़कर सबको भेजे।

नबीये पाक सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने फरमाया:
जब तुम कुछ भुल जाओ तो मुझ पे दरूद भेजो।
इंशाअल्लाह याद आ जायेगा।

बहुत ही किमती हदीस है। सबको बताओ।

जजाक अल्लाह। अमेरिका के राजदूत ने कहा है कि
जिस नाम के साथ मुहम्मद आ जाय उसे हमारा कंप्यूटर स्वीकार
नहीं करता मुसलमानो अपने आक़ा
मुहम्मद का नाम इतना इस्तेमाल करो कि
अमेरिका का कंपयूटर फेल हो जाए
अगर मुहम्मद स.के गुलाम हो तो संदेश
आगे चला

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