Bhai: इसको पढ़ने के बाद शायद आपको एहसास होगा कि इससे अच्छा मेसेज कभी नहीं पढ़ा होगा...
फिर भी एहसास नहीं हुआ तो #_अफ़सोस है..!!
ख़ुदा:
मेरे बन्दे नमाज़-ए-शब पढ़ा करो, 11 रक़ात है।
बन्दा:
ऐ मेरे ख़ुदा, थक जाता हूँ...
नहीं पढ़ सकता.!
ख़ुदा:
कम से कम दो रक़ात नमाज़-ए-शिफ़ा, और एक रक़ात नमाज़-ए-वित्र पढ़ लिया करो.!
बन्दा:
ऐ मेरे ख़ुदा, मेरे बस का नहीं...
आधी रात में मेरा उठना मुश्किल है.!
ख़ुदा:
अच्छा सोने से पहले 3 रक़ात ही पढ़ लिया करो.!
बन्दा:
ऐ ख़ुदा, ये भी ज़्यादा है.!
ख़ुदा:
चलो एक रक़ात वित्र ही पढ़ लिया करो.!
बन्दा:
ऐ मेरे ख़ुदा, बहुत थका हूँ...
क्या कोई दूसरा रास्ता है.?
ख़ुदा:
मेरे बन्दे सोने से पहले वुज़ू कर लो, और आसमान की तरफ़ मुँह कर के कहो- या अल्लाह
बन्दा:
बिस्तर पर हूँ, अगर उठ कर वुज़ू करूँगा तो मेरी नींद उड़ जाएगी.!
ख़ुदा:
चलो वहीं पर लेटे लेटे या अल्लाह कह लो.!
_(इसके बाद भी बन्दे ने ख़ुदा की बात पर कोई ध्यान नहीं दिया)_
ख़ुदा:
मेरे फ़रिश्तों देख रहे हो मैंने इसके लिए कितनी सहूलतें पैदा कीं, लेकिन फिर भी वो सो रहा है और सुबह की अज़ान का वक़्त है।
इसको उठाओ।
फ़रिश्ते:
ऐ ख़ुदा हमने इसे दो बार उठाया, मगर नहीं उठा।
ख़ुदा:
इसके कान में कहो कि तुम्हारा परवरदिगार तुम्हारा इंतज़ार कर रहा है।
फ़रिश्ते:
फिर भी नहीं उठ रहा है।
ख़ुदा:
ऐ मेरे बन्दे, उठ जा।
सुबह की अज़ान हो रही है, सूरज निकल आएगा और नमाज़ क़ज़ा हो जाएगी।
फ़रिश्ता:
ऐ ख़ुदा, तू इससे नाराज़ क्यों नहीं हो जाता.?
ख़ुदा:
इसका मेरे अलावा कोई नहीं है।
मैं कैसे इससे नाराज़ हो जाऊँ.?
हो सकता है ये तौबा कर ले.!!
"मेरे बन्दे जब तू नमाज़ पढ़ता है तो मैं इस तरह से तेरी नमाज़ को सुनता हूँ जैसे मेरा सिर्फ़ तू ही एक बन्दा है।
और तू मुझसे ऐसा ग़ाफ़िल है जैसे तेरे पास सैकड़ों ख़ुदा हों..??"
शेयर ज़रुर करे...भले शैतान आप को रोके..
[15/04, 11:39 p.m.] Bhai: प्लीज ये sms आप के मोबाइल मे जितने नम्बर है उन सब को भेजे अल्लाह आपको खुश रखे.
: नमाज
कब काम आयेगी.?
फज्र
मरते वक्त
जोहर
कब्र मे
असर
मुन्कर नकीर के सवालात के वक्त
मगरिब
हिसाब किताब के वक्त
ईसा
पुल सिरात पर
80%लोग ईसे भेजते नही
"अल्लाह पाक फरमाता है" के
"अगर तुम अपने लोगो के सामने मुझे नजर अन्दाज कर गये तो मे तुम्हे अपनी नजर मे रद कर दुगा..
