ADMIN 05:30:00 AM 01 Jan, 1970

पेश है एक मजेदार किस्सा !:D

बिलकुल नया।

.नया नहीं लगे तो वापिस भेज देना कसम से। दिल से।

एक बार की बात है कि गुप्ताजी,
एक मारवाड़ी (बनिये) के यहां शादी में गए।
.
शादी का पंडाल बड़ा भव्य था और उसमें अंदर जाने के

लिए 2 दरवाजे थे।
.
एक दरवाजे पर रिश्तेदार, दूसरे पर दोस्त लिखा था।
.
गुप्ताजी,
बड़े फख्र से दोस्त वाले दरवाजे से अंदर गए।

आगे फिर 2 दरवाजे थे,

एक पर महिला, दूसरे पर पुरुष लिखा था।

.

गुप्ताजी पुरुष वाले दरवाजे से अंदर गए।

वहां भी 2 दरवाजे और थे,

एक पर गिफ्ट (gift) देने वाला,

दूसरे पर बिना गिफ्ट (without-gift) वाले लिखा था।

.

गुप्ताजी को हर बार अपनी

मर्जी के दरवाजे से अंदर जाने में बड़ा मजा आ रहा था

| उसने ऐसा इंतजाम पहली बार देखा था |

.

गुप्ताजी बिना-गिफ्ट (without-gift) वाले दरवाजे से

अंदर चले गए।

.

जब अंदर जाकर देखा तो गुप्ताजी बाहर

गली में खड़े थे।

और वहॉं लिखा था…
शर्म तो आ नहीं रही होगी,

बनिये की शादी और मुफ्त (free) में

रोटी खायेगा???

.

जा-जा बाहर जा और हवा खा..

:D😬😜:D😄😅😂😬

😬हँसो मत फारवर्ड करो

मार्केट में नया है😬

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