shaktimaan 12:00:00 AM 18 Apr, 2017

आज कलम का कागज से
मै दंगा करने वाली हूँ,
.
मीडिया की सच्चाई को मै
नंगा करने वाली हु
.
मीडिया जिसको लोकतंत्र का
चौंथा खंभा होना था,

खबरों की पावनता में
जिसको गंगा होना था

आज वही दिखता है हमको
वैश्या के किरदारों में,
.
बिकने को तैयार खड़ा है
गली चौक बाजारों में
.
दाल में काला होता है
तुम काली दाल दिखाते हो
.
सुरा सुंदरी उपहारों की
खूब मलाई खाते हो
.
गले मिले सलमान से आमिर,
ये खबरों का स्तर है
.
और दिखाते इंद्राणी का
कितने फिट का बिस्तर है
.
मुस्लिम कोई मर जाए तो
घर का मसला कहते हो,
.
हिन्दू की मौत को
मानवता पे हमला कहते हो
.
लोकतंत्र की संप्रभुता पर
तुमने कैसा मारा चाटा है,
.
सबसे ज्यादा तुमने हिन्दू
मुसलमान को बाँटा है
.
बीजेपी के जुमलों को
तुम विकास दिखलाते हो
.
मोदी को भारत का तुम
रॉबिनहुड बतलाते हो
.
दिल्ली में जब पापी वहशी
चीरहरण मे लगे रहे,
.
तुम एश्श्वर्या की बेटी के
नामकरण मे लगे रहे
.
'दिल से' दुनिया समझ रही है
खेल ये बेहद गंदा है,
.
मीडिया हाउस और नही कुछ
ब्लैकमेलिंग का धंधा है
Mohammad Arif AiMiM Gorakhpur u.p

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