एक बार ट्रेन में टीटी ने बेंच के नीचे सोए मुसाफिर को बाहर निकालकर टिकट मांगा।
मुसाफिर गिड़गिड़ाते हुए कहने लगा- साहब माफ कीजिए।
एक बार छोड़ दीजिए।
मेरी बेटी की शादी है और जाना जरूरी है।
टीटी ने रहम खाकर छोड़ दिया।
इतने में उसकी नजर दूसरी बेंच के नीचे छुपे नौजवान पर पड़ी।
टीटी ने उसको बाहर निकालकर पूछा-
क्यों मियां! क्या तुम्हारी भी बेटी की शादी है?
नौजवान ने शरमाते हुए जवाब दिया-
जी नहीं, मैं इनका होने वाला दामाद हूं।
