Home
Forum
Login
ADMIN
10:19:40 AM 02 Sep, 2017
फ़ासले ऐसे भी होंगें,
ये कभी सोचा न था...!!!
सामने था वो मेरे,
और वो मेरा न था...!!!
Back
Forum
Related to this Post:
#4182 ADMIN
12:46:50 PM 02 Aug, 2017
फ़ासले ऐसे भी होंगें,
ये कभी सोचा न था...!!!
सामने था वो मेरे,
और वो मेरा न था...!!!
#30101 arman
12:00:00 AM 16 Jun, 2017
फ़ासले ऐसे भी होंगे ये कभी सोचा न था;
सामने बैठा था मेरे और वो मेरा न था;
वो कि ख़ुशबू की तरह फैला था मेरे चार सू;
मैं उसे महसूस कर सकता था छू सकता न था;
रात भर पिछली ही आहट कान में आती रही;
झाँक कर देखा गली में कोई भी आया न था;
ख़ुद चढ़ा रखे थे तन पर अजनबीयत के गिलाफ़;
वर्ना कब एक दूसरे को हमने पहचाना न था;
याद कर के और भी तकलीफ़ होती थी'अदीम';
भूल जाने के सिवा अब कोई भी चारा न था।
#36414 Afsar
12:00:00 AM 17 Jul, 2017
फ़ासले ऐसे भी होंगे ये कभी सोचा न था;
सामने बैठा था मेरे और वो मेरा न था;
वो कि ख़ुशबू की तरह फैला था मेरे चार सू;
मैं उसे महसूस कर सकता था छू सकता न था;
रात भर पिछली ही आहट कान में आती रही;
झाँक कर देखा गली में कोई भी आया न था;
ख़ुद चढ़ा रखे थे तन पर अजनबीयत के गिलाफ़;
वर्ना कब एक दूसरे को हमने पहचाना न था;
याद कर के और भी तकलीफ़ होती थी'अदीम';
भूल जाने के सिवा अब कोई भी चारा न था।