ADMIN 10:27:17 PM 02 Sep, 2017

अभी इस तरफ़ न निगाह कर,
मैं ग़ज़ल की पलकें सँवार लूँ,

मेरा लफ़्ज़-लफ़्ज़ हो आईना,
तुझे आईने में उतार लूँ।

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