Reena 12:00:00 AM 05 Aug, 2018

कहीं पर शाम ढलती है कहीं पर रात होती है, 
अकेले गुमसुम रहते हैं न किसी से बात होती है, 
तुमसे मिलने की आरज़ू दिल बहलने नहीं देती, 
तन्हाई में आँखों से रुक-रुक के बरसात होती है।

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