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Bareilly@99
12:00:00 AM 08 Mar, 2017
माना कि तुम प्यार हो मेरा पर किसने हक दिया,
तुम्हें कि तुम मुझपे बिना वजह शक करो !!
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#93 ADMIN
10:40:26 PM 11 Mar, 2016
रोज *तारीख* बदलती. है,
रोज. *दिन*. बदलते. हैं....
रोज. अपनी. *उमर*. भी बदलती. है.....
रोज. *समय*. भी बदलता. है...
हमारे *नजरिये* भी *वक्त* के साथ. बदलते. हैं.....
बस एक. ही. *चीज*. है. जो नहीं. बदलती...
और वो हैं *"हम खुद"....*
और बस इसी वजह से हमें लगता है. कि. अब *"जमाना"* बदल गया. है........
किसी शायर ने खूब कहा है,,
*रहने दे आसमा. ज़मीन कि तलाश. ना कर,,*
*सब कुछ। यही। है, कही और तलाश ना कर.,*
*हर आरज़ू पूरी हो, तो जीने का क्या मज़ा,,,*
*जीने के लिए बस। एक खूबसूरत वजह। कि तलाश कर,,,*
*ना तुम दूर जाना ना हम दूर जायेंगे,,*
*अपने अपने हिस्से की "दोस्ती* *निभाएंगे,,*
*बहुत अच्छा लगेगा ज़िन्दगी का ये सफ़र,,,*
*आप वहा से याद करना, हम यहाँ से मुस्कुराएंगे,,,*
*क्या भरोसा है. जिंदगी का ,*
*इंसान. बुलबुला. है पानी का ,*
*जी रहे है कपडे बदल बदल कर ,,*
*एक दिन एक " कपडे " में ले जायेंगे " कंधे " बदल बदल कर*.....
*परिवर्तन जरूरी हैं....*
#312 ADMIN
04:00:33 AM 11 Jun, 2016
बिहार और बाहर के लोग शायद जानना चाहेंगे कि छठ पूजा क्या है और यह बिहार का सबसे बड़ा त्योहार क्यों है ??
दीपावली के ठीक छः दिन बाद कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को "सूर्य षष्ठी का व्रत" करने का विधान है।
छठे दिन होने के कारण इसे आम बोलचाल में छठ पर्व कहा जाने लगा । इस दिन भगवान सूर्य व षष्ठी देवी की पूजा की जाती है।
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कहते हैं दुनिया उगते सूरज को हमेशा पहले नमन करती है, लेकिन बिहार के लोगो के लिए ऐसा नहीं हैं। बिहार के लोक आस्था से जुड़े पर्व “छठ” का पहला अर्घ्य डूबते हुए सूरज को दिया जाता हैं। इस पर्व की खास परंपरा है लोग झुके हुए को पहले सलाम करते हैं, और उठे हुए को बाद में। लोक आस्था का कुछ ऐसा ही महापर्व हैं “छठ”।
इस दौरान व्रतधारी लगातार 36 घंटे का व्रत रखते हैं। इस दौरान वे पानी भी ग्रहण नहीं करते।
🌞
सामूहिकता का हैं प्रतीक: -
सामूहिकता के मामले में बिहारियों का यह पर्व पूरी दुनिया में कहीं नहीं मिलेगा। एक ऐसी मिशाल जो ना केवल आस्था से भरा हैं, बल्कि भेदभाव मिटाकर एक होने का सन्देश भी दे रहा हैं। एक साथ समूह में जल में खड़े हो भगवान् भाष्कर की अर्चना सभी भेदभाव को मिटा देती हैं। भगवान् आदित्य भी हर सुबह यहीं सन्देश लेकर आते हैं, कि किसी से भेदभाव ना करो, इनकी किरणे महलों पर भी उतनी ही पड़ती हैं जितनी की झोपडी पर। इनके लिए ना ही कोई बड़ा हैं ना ही कोई छोटा, सब एक समान हैं। भगवान् सूर्य सुख और दुःख में एक सामान रहने का सन्देश भी देता हैं। इन्ही भगवान् सूर्य की प्रसन्नता के लिए हम छठ पूजा मनाते हैं।
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मैया हैं छठ फिर क्यों होती हैं सूर्य की पूजा:-
व्याकरण के अनुसार छठ शब्द स्त्रीलिंग हैं इस वजह से इसे भी इसे छठी मैया कहते हैं। वैसे किवदंती अनके हैं कुछ लोग इन्हें भगवान सूर्य की बहन मानते हैं तो कुछ लोग इन्हें भगवान सूर्य की माँ, खैर जो भी आस्था का ये पर्व हमारे रोम रोम में बसा होता हैं। छठ का नाम सुनते ही हमारा रोम-रोम पुलकित हो जाता हैं और हम गाँव की याद में डूब जाते हैं। इसे करने वाली स्त्रियाँ धन-धान्य, पति-पुत्र तथा सुख-समृद्धि से परिपूर्ण रहती हैं।
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दुनिया का सबसे कठिन व्रत:-
चार दिनों यह व्रत दुनिया का सबसे कठिन त्योहारों में से एक हैं। यह व्रत बड़े नियम तथा निष्ठा से किया जाता है। पवित्रता की इतनी मिशाल की व्रती अपने हाथ से ही सारा काम करती हैं। नहाय-खाय से लेकर सुबह के अर्घ्य तक व्रती पूरे निष्ठा का पालन करती हैं। भगवान भास्कर को 36 घंटो का निर्जल व्रत स्त्रियों के लिए जहाँ उनके सुहाग और बेटे की रक्षा करता हैं। वही भगवान् सूर्य धन, धान्य, समृधि आदि पर्दान करता हैं।
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सूर्यषष्ठी-व्रत के अवसर पर सायंकालीन प्रथम अर्घ्य से पूर्व मिट्टी की प्रतिमा बनाकर षष्ठीदेवी का आवाहन एवं पूजन करते हैं। पुनः प्रातः अर्घ्य के पूर्व षष्ठीदेवी का पूजन कर विसर्जन कर देते हैं। मान्यता है कि पंचमी के सायंकाल से ही घर में भगवती षष्ठी का आगमन हो जाता है.
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व्रत का पहला दिन नहाय खाय:-
पहला दिन कार्तिक शुक्ल चतुर्थी ‘नहाय-खाय’ के रूप में मनाया जाता है। सबसे पहले घर की सफाई कर उसे पवित्र बना लिया जाता है। इसके पश्चात छठव्रती स्नान कर पवित्र तरीके से बने शुद्ध शाकाहारी भोजन ग्रहण कर व्रत की शुरुआत करते हैं। घर के सभी सदस्य व्रती के भोजनोपरांत ही भोजन ग्रहण करते हैं। इस दिन व्रती कद्दू/लौकी/दूधी की सब्जी, चने की दाल, और अरवा चावल का भात खाती हैं।
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व्रत का दूसरा दिन लोहंडा और खरना:-
दूसरे दिन कार्तिक शुक्ल पंचमी को व्रतधारी दिन भर का उपवास रखने के बाद शाम को व्रती गन्ने के रस की खीर बनाकर देवकरी में पांच जगह कोशा (मिट्टी के बर्तन) में खीर रखकर उसी से हवन किया जाता है। इसे ‘खरना’ कहा जाता है।
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खरना का प्रसाद लेने के लिए आस-पास के सभी लोगों को निमंत्रित किया जाता है। प्रसाद के रूप में गन्ने के रस में बने हुए चावल की खीर के साथ दूध, चावल का पिट्ठा और घी चुपड़ी रोटी बनाई जाती है। इसमें नमक या चीनी का उपयोग नहीं किया जाता है। इस दौरान पूरे घर की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाता है। इसके बाद 36 घंटे का निर्जला (बिना अन्न-जल) उपवास रखा जाता है।
🌞
व्रत का तीसरा दिन संध्या अर्घ्य:-
तीसरे दिन कार्तिक शुक्ल षष्ठी को दिन में छठ प्रसाद बनाया जाता है। प्रसाद के रूप में ठेकुआ, जिसे कुछ क्षेत्रों में टिकरी या खजूर भी कहते हैं (ठेकुआ पर लकडी के साँचे से सूर्यभगवान् के रथ का चक्र भी अंकित करना आवश्यक माना जाता है), के अलावा चावल के लड्डू, जिसे लड़ुआ भी कहा जाता है, बनाते हैं। इसके अलावा सभी प्रकार के मौसमी फल ईंख, केले, पानीफल सिंघाड़ा, शरीफ़ा, नारियल, मूली, सुथनी, अदरक, गागर नींबू, अखरोट, बादाम, इलायची, लौंग, पान, सुपारी एवं अन्य समान अर्घपात (लाल रंग का), धगगी, लाल/पीले रंग का कपड़ा, एक बड़ा घड़ा जिस पर बारह दीपक लगे हो, गन्ने के बारह पेड़ आदि। आदि छठ प्रसाद के रूप में शामिल होता है।
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शाम को पूरी तैयारी और व्यवस्था कर बाँस की टोकरी में अर्घ्य का सूप सजाया जाता है और व्रती के साथ परिवार तथा पड़ोस के सारे लोग अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने घाट की ओर चल पड़ते हैं। सभी छठव्रती एक नीयत तालाब या नदी किनारे इकट्ठा होकर सामूहिक रूप से अर्घ्य दान संपन्न करते हैं। सूर्य को जल और दूध का अर्घ्य दिया जाता है तथा छठी मैया की प्रसाद भरे सूप से पूजा की जाती है। इस दौरान कुछ घंटे के लिए मेले का दृश्य बन जाता है।
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छठ पूजा में कोशी भरने की मान्यता है अगर कोई अपने किसी अभीष्ट के लिए छठ मां से मनौती करता है तो वह पूरी करने के लिए कोशी भरी जाती है. नदी किनारे गन्ने का एक समूह बना कर छत्र बनाया जाता है उसके नीचे पूजा का सारा सामान रखा जाता है। इस प्रकार भगवान् सूर्य के इस पावन व्रत में शक्ति और ब्रह्म दोनों की उपासना का फल एक साथ प्राप्त होता है । इसीलिये लोक में यह पर्व ‘सूर्यषष्ठी’ के नाम से विख्यात है।
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वर्त का चौथा दिन उषा अर्घ्य:-
चौथे दिन कार्तिक शुक्ल सप्तमी की सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। व्रती वहीं पुनः इकट्ठा होते हैं जहाँ उन्होंने शाम को अर्घ्य दिया था। पुनः पिछले शाम की प्रक्रिया की पुनरावृत्ति होती है। अंत में व्रती कच्चे दूध का शरबत पीकर तथा थोड़ा प्रसाद खाकर लोक आस्था का महापर्व छठ का समापन करते हैं।
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1. ऐसा कहा जाता है की छठ देवी सूर्य देव की बहन हैं और उन्हीं को प्रसन्न करने के लिए जीवन के महत्वपूर्ण अवयवों में सूर्य व जल की महत्ता को मानते हुए, इन्हें साक्षी मान कर भगवान सूर्य की आराधना तथा उनका धन्यवाद करते हुए मां गंगा-यमुना या किसी भी पवित्र नदी या पोखर (तालाब) के किनारे यह पूजा की जाती है।
🌞
2. - ऐसा भी कहा जाता है कि भगवान राम के वनवास से लौटने पर राम और सीता ने कार्तिक शुक्ल षष्ठी के दिन उपवास रखकर भगवान सूर्य की आराधना की और सप्तमी के दिन व्रत पूर्ण किया। पवित्र सरयू के तट पर राम-सीता के इस अनुष्ठान से प्रसन्न होकर भगवान सूर्य देव ने उन्हें आशीर्वाद दिया था।
🌞
3. - एक अन्य मान्यता के अनुसार जब पांडव अपना सारा राजपाट जुए में हारकर जंगल-जंगल भटक रहे थे, तब इस दुर्दशा से छुटकारा पाने के लिए द्रौपदी ने सूर्यदेव की आराधना के लिए छठ व्रत किया। इस व्रत को करने के बाद पांडवों को अपना खोया हुआ वैभव पुन: प्राप्त हो गया था।
🌞
4. - ऐसा भी कहा जाता है कि स्वयंभू मनु के पुत्र राजा प्रियव्रत को अधिक समय बीत जाने के बाद भी कोई संतान उत्पन्न नहीं हुई। तदुपरांत महर्षि कश्यप ने पुत्रेष्टि यज्ञ कराकर उनकी पत्नी को चारू (प्रसाद) दिया, जिससे गर्भ तो ठहर गया, किंतु मृत पुत्र उत्पन्न हुआ। प्रियवत उस मृत बालक को लेकर श्मशान गए। पुत्र वियोग में प्रियवत ने भी प्राण त्यागने का प्रयास किया। ठीक उसी समय मणि के समान विमान पर षष्ठी देवी वहां आ पहुंची। मृत बालक को भूमि पर रखकर राजा ने उस देवी को प्रणाम किया और पूछा- हे सुव्रते! आप कौन हैं?
देवी ने आगे कहा:-
तुम मेरा पूजन करो और अन्य लोगों से भी कराओ। इस प्रकार कहकर देवी षष्ठी ने उस बालक को उठा लिया और खेल-खेल में उस बालक को जीवित कर दिया। राजा ने उसी दिन घर जाकर बड़े उत्साह से नियमानुसार षष्ठी देवी की पूजा संपन्न की। चूंकि यह पूजा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को की गई थी, अत: इस विधि को षष्ठी देवी/छठ देवी का व्रत होने लगा.
यह है इस व्रत का वृतांत । क्या आप इसे शेयर कर इसका लाभ अन्य मित्रों को देना चाहेंगे ???
#395 ADMIN
02:48:44 PM 11 Jul, 2016
👉 *इस संदेश को पढिये मन प्रसन्न हो जायेगा*👈
रोज तारीख बदलती. है,
रोज. दिन. बदलते. हैं....
रोज. अपनी. उमर. भी बदलती. है.....
रोज. समय. भी बदलता. है...
हमारे नजरिये. भी. वक्त. के साथ. बदलते. हैं.....
बस एक. ही. चीज. है. जो नहीं. बदलती...
और वो हैं "हम खुद"....
और बस ईसी. वजह से हमें लगता है. कि. अब "जमाना" बदल गया. है........
किसी शायर ने खूब कहा है,,
रहने दे आसमा. ज़मीन कि तलाश. ना कर,,
सबकुछ। यही। है, कही और तलाश ना कर.,
हर आरज़ू पूरी हो, तो जीने का। क्या। मज़ा,,,
जीने के लिए बस। एक खूबसूरत वजह। कि तलाश कर,,,
ना तुम दूर जाना ना हम दूर जायेंगे,,
अपने अपने हिस्से कि। "दोस्ती" निभाएंगे,,,
बहुत अच्छा लगेगा ज़िन्दगी का ये सफ़र,,,
आप वहा से याद करना, हम यहाँ से मुस्कुराएंगे,,,
क्या भरोसा है. जिंदगी का ,
इंसान. बुलबुला. है पानी का ,
जी रहे है कपडे बदल बदल कर ,,
*एक दिन एक " कपडे " में ले जायेंगे " कंधे " बदल बदल कर*
💖💖💖💖💖💐💐
#420 ADMIN
11:36:48 PM 11 Jul, 2016
एक बार एक कुत्ते और गधे के बीच शर्त लगी
कि जो जल्दी से जल्दी दौडते हुए
दो गाँव आगे रखे एक सिंहासन पर बैठेगा...
वही उस सिंहासन का अधिकारी माना जायेगा,
और राज करेगा.
जैसा कि निश्चित हुआ था, दौड शुरू हुई.
कुत्ते को पूरा विश्वास था कि मैं ही जीतूंगा.
क्योंकि ज़ाहिर है इस गधे से तो मैं तेज ही दौडूंगा.
पर अागे किस्मत में क्या लिखा है ...
ये कुत्ते को मालूम ही नही था.
शर्त शुरू हुई .
कुत्ता तेजी से दौडने लगा.
पर थोडा ही आगे गया न गया था कि
अगली गली के कुत्तों ने उसे लपकना ,नोंचना ,भौंकना शुरू किया.
और ऐसा हर गली, हर चौराहे पर होता रहा..
जैसे तैसे कुत्ता हांफते हांफते सिंहासन के पास पहुंचा..
तो देखता क्या है कि गधा पहले ही से सिंहासन पर विराजमान है.
तो क्या...!
गधा उसके पहले ही वहां पंहुच चुका था... ?
और शर्त जीत कर वह राजा बन चुका था.. !
और ये देखकर
निराश हो चुका कुत्ता बोल पडा..
अगर मेरे ही लोगों ने मुझे आज पीछे न खींचा होता तो आज ये गधा इस सिंहासन पर न बैठा होता ...
तात्पर्य ...
*१. अपने लोगों को काॅन्फिडेंस में लो.*
*२. अपनों को आगे बढने का मौका दो, उन्हें मदद करो.*
*३. नही तो कल बाहरी गधे हम पर राज करने लगेंगे.*
*४. पक्का विचार और आत्म परीक्षण करो.*
⭐जो मित्र आगे रहकर होटल के बिल का पेमेंट करतें हैं, वो उनके पास खूब पैसा है इसलिये नही ... ⭐
⭐बल्कि इसलिये.. कि उन्हें मित्र पैसों से अधिक प्रिय हैं ⭐
⭐ऐसा नही है कि जो हर काम में आगे रहतें हैं वे मूर्ख होते हैं, बल्कि उन्हें अपनी जवाबदारी का एहसास हरदम बना रहता है इसलिये ⭐
⭐जो लडाई हो चुकने पर पहले क्षमा मांग लेतें हैं, वो इसलिये नही, कि वे गलत थे... बल्कि उन्हें अपने लोगों की परवाह होती है इसलिये.⭐
⭐जो तुम्हे मदद करने के लिये आगे आतें हैं वो तुम्हारा उनपर कोई कर्ज बाकी है इसलिये नही... बल्कि वे तुम्हें अपना मानतें हैं इसलिये⭐
⭐जो खूब वाट्स एप पोस्ट भेजते रहतें हैं वो इसलिये नही कि वे निरे फुरसती होतें हैं ...
बल्कि उनमें सतत आपके संपर्क में बनें रहने की इच्छा रहती है ... इसलिये ⭐
*( आत्मचिंतन करने योग्य पोस्ट)*
#815 ADMIN
05:30:00 AM 01 Jan, 1970
मुस्लिम लडकियाँ कृपा करके ध्यान से पढे और अपने सुरक्षित भविष्य पर गौर करें ............
—: फायदा ही फायदा :—
—:: फैसला एक फायदे अनेक ::—
अगर कोई मुस्लिम कन्या हिंदू लङके से शादी करेगी तो ..........
उसे निम्न लिखित फायदे बिना मांगे ही मिल जायेंगे............
1. 👉 तलाक का डर नहीं................
(क्योंकी हम हिन्दूओ में शादी को 7 जन्मों का पवित्र बंधन माना जाता है)
2. 👉 सूअरों की तरह 20-25 बच्चे पैदा करने से आजादी .........
3. 👉 बुरके से आजादी ...........
4. 👉 घर में पूर्ण सुरक्षा ( अपने भाई, चाचाओं और मौसाओं से )
6. 👉 बच्चे भी हमेशा प्राक्रतिक रहेंगे , मतलब कहीं से कोई काट छाँट नहीं होगी ............
7. 👉 बच्चियों की भी घर में पूर्ण सुरक्षा ( मुहम्मद साहब और फातीमा का प्रकरण तो आप लोगों को याद ही होगा, जबकी दोनों सगे बाप-बेटी थे)
8. 👉 बच्चे आतंकवादी नहीं बनेंगे........
9. 👉 और सबसे बड़ी बात की.....
आप बैठे बिठाये दुनिया के सबसे पविञ और गौरवशाली हिन्दू सनातन धर्म का हिस्सा बन जाओगी .......!
अपने भाई , चाचाओं और मौसाओं को देखा बार-बार ........
हिन्दू लङको को भी देखो एक बार
अगर आप सच्चे हिन्दू हैं तो इस मेसेज को रूकने न दें और ज्यादा से ज्यादा फारवर्ड करें .....
अरे यार वो साला मुल्ला औवेसी
हैदराबाद से भगवान राम को गाली निकालते हुये भी
नही सोचता और एक तुम हो कि फारवर्ड करने में भी सोच रहे हो ..
सच्चा हिन्दू 11 लोगो को शेयर करे ।
चेतावनी-नामर्द दूर रहे वो शेयर ना करे।
🇮🇳jai hind🇮🇳
#4796 ADMIN
12:00:00 AM 10 Feb, 2017
2020 का एक दृश्य
पप्पू ने पिज्जा हट में फ़ोन किया।
सेल मैन- पिज्जा हट, नमस्कार !
ग्राहक पप्पू- हैलो, आप मेरे घर पिज्जा भेज दीजिए।
सेल मैन- सर, पहले आप अपना आधार कार्ड नंबर बता दीजिए।
पप्पू- ठीक है... मेरा नम्बर 7254 4928 4441 है।
सेल मैन- ओके... आप हैं ... श्रीमान रामनिवास s/o रामदेव और
आपका हाऊस नम्बर 310,
शिव नगर जयपुर राजस्थान से बोल रहे हैं।
आपके घर का फ़ोन नंबर 0141 270786
और आपके कार्यालय का नम्बर 0141 267456 है
और अपने मोबाइल 9414131211 है।
अभी आप अपने घर का नंबर से फोन कर रहे हैं।
पप्पू चकित होकर- आपको मेरे सभी फ़ोन नंबर कैसे मिले?
सेलमैन- हम आधार सिस्टम से जुड़े हैं।
पप्पू- मैं अपनी डबल मोजरेला पिज्जा ऑर्डर करना चाहता हूँ।
सेल मैन- आपके लिए यह अच्छा विचार नहीं है सर !
पप्पू- ऐसा कैसे?
सेलमैन- आपके मेडिकल रिकॉर्ड के अनुसार,
आप उच्च रक्तचाप और उच्च कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित हैं सर !
पप्पू- तो क्या? तुम मुझे क्या सलाह देते हो कि मैं क्या मंगाऊँ?
सेल मैन- हमारा कम चिकनाई वाला होक्किन पिज्जा मंगा लीजिए, आप इसे पसंद करेंगे।
पप्पू- आप यह कैसे कह सकते हैं कि यह मुझे पसन्द आएगा?
सेलमैन- पिछले हफ्ते आपने नेशनल लाइब्रेरी से
'लोकप्रिय होक्किन व्यंजन' नामक पुस्तक ली थी।
पप्पू- छोड़ो, यही ठीक है...
मुझे तीन बड़े आकार वाले भिजवा दीजिए।
सेलमैन- आप सही कह रहें हैं, आपके घर में सात लोगों के लिए 3 बड़े वाले काफ़ी हैं सर ! कुल 2100 रुपये हुए।
पप्पू- मैं क्रेडिट कार्ड से भुगतान कर दूंगा।
सेलमैन- आप हमें नकद भुगतान ही देना सर !
आपके क्रेडिट कार्ड की सीमा खत्म हो गई है
और आपने अपने बैंक के 1687450 रुपये देने हैं
पिछले साल जुलाई के बाद से,
आपके होम लोन और उस पर देर से
भुगतान शुल्क इसमें शामिल नहीं है।
पप्पू- मैं पास के एटीएम से पैसे निकाल लूँगा
आपके आदमी के आने से पहले !
सेलमैन- आप ऐसा नहीं कर सकते, आप अपने ओवरड्राफ्ट सीमा को समाप्त कर चुके हैं।
पप्पू- कोई बात नहीं, मैं पैसों का इन्तजाम कर लूंगा, पिज्जा कब तक आ जाएगा?
सेल मैन- लगभग 45 मिनट में सर ! लेकिन अगर आप इंतजार नहीं कर सकते तो आप खुद अपनी मोटर साइकिल पर आकर ले जा सकते हैं।
पप्पू- मेरे पास कोई गाडी ही नही है !!
सेल मैन- सिस्टम में विवरण के अनुसार, आप एक मोटरसाइकिल रजिस्ट्रेशन नंबर rj-14 sb-6493 के मालिक हैं।
पप्पू- ?? इन लोगों को भी मेरे बाइक के नम्बर का भी पता है !
सेलमैन- आप कुछ और चाहते हैं सर?
पप्पू- कुछ नहीं ! वैसे तुम कोला की 3 मुफ़्त बोतलें मुझे दे रहे हैं ना जैसा आपके विज्ञापन में बताया गया है?
सेल मैन- हम आपको देते सर, लेकिन आपके रिकॉर्ड के आधार पर आपको शूगर है तो आपके स्वास्थ्य के हित में हम आपको यह नहीं दे रहे !
पप्पू- तेरी तो…........
सेलमैन- अपनी भाषा पर काबू रखिए सर ! 10 जुलाई 2006 को एक पुलिस वाले को गाली देने के अपराध में आपको 5 दिनों के लिए जेल और 1000 रुपये का जुर्माना लगाया गया था।
ग्राहक पप्पू बेहोश...
#7370 TIPU
12:00:00 AM 14 Feb, 2017
लड़की: सुनो।
,
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लड़का: सुनाओ जान।
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लड़की: कुछ जरूरी बात कहनी है।
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.g
लड़का: तो कहो ना... मेरे दिल की धड़कन।
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लड़की: सबके सामने कहने में शर्म आती है।
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लड़का: अरे इसमे क्या शर्माना... शर्माओ मत,
कह भी दो न बेबी...।
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लड़की: अच्छा कान पास लाओ... कान में
बोलूंगी।
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लड़का: तुम लड़कियों के नखरे भी... ठीक है (कान
लड़की के मुंह के पास लाते हुए) अब
बोलो जानेमन...।
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लड़की: तुम्हारी पैंट पीछे से फटी है।
#17213 harman
12:00:00 AM 21 Mar, 2017
"बुझी नज़र तो करिश्मे भी रोज़ो शब के गये;
कि अब तलक नही पलटे हैं लोग कब के गये;
करेगा कौन तेरी बेवफ़ाइयों का गिला;
यही है रस्मे ज़माना तो हम भी अब के गये;
मगर किसी ने हमें हमसफ़र नही जाना;
ये और बात कि हम साथ साथ सब के गये;
अब आये हो तो यहाँ क्या है देखने के लिए;
ये शहर कब से है वीरां वो लोग कब के गये;
गिरफ़्ता दिल थे मगर हौसला नहीं हारा;
गिरफ़्ता दिल है मगर हौंसले भी अब के गये;
तुम अपनी शम्ऐ-तमन्ना को रो रहे हो 'फ़राज़';
इन आँधियों में तो प्यारे चिराग सब के गये।
~ Ahmad Faraz
#17902 Happy
12:00:00 AM 26 Mar, 2017
एक जाट ने सार्वजनिक स्थान पर भेस बाधने के लिये खूटा गाड़ रखा था। अन्य चौधरियो ने खूटा उखाड़ने का अनुरोध किया किन्तु जाट ने बात नहीं मानी। अन्त में पन्चायत बुलायी गयी।
पन्चो ने जाट से कहा -तूने खूटा गलत जगह गाड़ रखा है।
जाट- मानता हूँ भाई।
पन्च- खूटा यहाँ नहीं गाड़ना चाहिए था।
जाट- माना भाइ।
पन्च- खुटे से टकरा कर बच्चों को चोट लग सकती है।
जाट- मानता हूं।
पन्च- भेस सार्वजनिक स्थान पर गोबर करती है, गन्दगि फैलती है।
जाट- मानता हूं।
पन्च- भेन्स बच्चों को सिन्ग पुन्छ भी मार देती है।
जाट- मानता हूं,
मैंने तुम्हारी सभी बातें मानी। अब पन्च लोगों मेरी एक ही बात मान लो।
पन्च- बताओ अपनी बात!!!
जाट- खूटा यहीं गडेगा ।।