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arman
12:00:00 AM 11 Jun, 2017
आँख में आँख डालकर बात तो करके देखता;
इतना भी एतमाद उसे अपनी निगाह पर नहीं।
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#36 ADMIN
07:07:48 PM 11 Feb, 2016
भीगी हुई आँखों का ये मंज़र न मिलेगा
घर छोड़ के मत जाओ कहीं घर न मिलेगा
फिर याद बहुत आएगी ज़ुल्फ़ों की घनी शाम
_____जब धूप में साया कोई सर पर न मिलेगा
आँसू को कभी ओस का क़तरा न समझना
________ऐसा तुम्हें चाहत का समुंदर न मिलेगा
इस ख़्वाब के माहौल में बे-ख़्वाब हैं आँखें
________जब नींद बहुत आएगी बिस्तर न मिलेगा
ये सोच लो अब आख़िरी साया है मोहब्बत
___________इस दर से उठोगे तो कोई दर न मिलेगा
#101 ADMIN
02:54:12 AM 11 Apr, 2016
पवित्र_ह्रदय_और_सच्ची_भावना
यह एक सत्य कहानी है धैर्य से पढ़ें डा. मार्क एक प्रसिद्ध कैंसर स्पैश्लिस्ट हैं, एक बार किसी सम्मेलन में भाग लेने लिए किसी दूर के शहर जा रहे थे। वहां उनको उनकी नई मैडिकल रिसर्च के महान कार्य के लिए पुरुस्कृत किया जाना था। वे बड़े उत्साहित थे व जल्दी से जल्दी वहां पहुंचना चाहते थे। उन्होंने इस शोध के लिए बहुत मेहनत की थी। बड़ा उतावलापन था, उनका उस पुरुस्कार को पाने के लिए।
उड़ने के लगभग दो घण्टे बाद उनके जहाज़ में तकनीकी खराबी आ गई, जिसके कारण उनके हवाई जहाज को आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी। डा. मार्क को लगा कि वे अपने सम्मेलन में सही समय पर नहीं पहुंच पाएंगे, इसलिए उन्होंने स्थानीय कर्मचारियों से रास्ता पता किया और एक टैक्सी कर ली, सम्मेलन वाले शहर जाने के लिए। उनको पता था की अगली प्लाईट 10 घण्टे बाद है। टैक्सी तो मिली लेकिन ड्राइवर के बिना इसलिए उन्होंने खुद ही टैक्सी चलाने का निर्णय लिया।
जैसे ही उन्होंने यात्रा शुरु की कुछ देर बाद बहुत तेज, आंधी-तूफान शुरु हो गया। रास्ता लगभग दिखना बंद सा हो गया। इस आपा-धापी में वे गलत रास्ते की ओर मुड़ गए। लगभग दो घंटे भटकने के बाद उनको समझ आ गया कि वे रास्ता भटक गए हैं। थक तो वे गए ही थे, भूख भी उन्हें बहुत ज़ोर से लग गई थी। उस सुनसान सड़क पर भोजन की तलाश में वे गाड़ी इधर-उधर चलाने लगे। कुछ दूरी पर उनको एक झोंपड़ी दिखी।
झोंपड़ी के बिल्कुल नजदीक उन्होंने अपनी गाड़ी रोकी। परेशान से होकर गाड़ी से उतरे और उस छोटे से घर का दरवाज़ा खटखटाया। एक स्त्री ने दरवाज़ा खोला। डा. मार्क ने उन्हें अपनी स्थिति बताई और एक फोन करने की इजाजत मांगी। उस स्त्री ने बताया कि उसके यहां फोन नहीं है। फिर भी उसने उनसे कहा कि आप अंदर आइए और चाय पीजिए। मौसम थोड़ा ठीक हो जाने पर, आगे चले जाना।
भूखे, भीगे और थके हुए डाक्टर ने तुरंत हामी भर दी। उस औरत ने उन्हें बिठाया, बड़े सम्मान के साथ चाय दी व कुछ खाने को दिया। साथ ही उसने कहा, "आइए, खाने से पहले भगवान से प्रार्थना करें और उनका धन्यवाद कर दें।"
डाक्टर उस स्त्री की बात सुन कर मुस्कुरा दिेए और बोले,"मैं इन बातों पर विश्वास नहीं करता। मैं मेहनत पर विश्वास करता हूं। आप अपनी प्रार्थना कर लें।"
टेबल से चाय की चुस्कियां लेते हुए डाक्टर उस स्त्री को देखने लगे जो अपने छोटे से बच्चे के साथ प्रार्थना कर रही थी। उसने कई प्रकार की प्रार्थनाएं की। डाक्टर मार्क को लगा कि हो न हो, इस स्त्री को कुछ समस्या है। जैसे ही वह औरत अपने पूजा के स्थान से उठी, तो डाक्टर ने पूछा,"आपको भगवान से क्या चाहिेए? क्या आपको लगता है कि भगवान आपकी प्रार्थनाएं सुनेंगे?"
उस औरत ने धीमे से उदासी भरी मुस्कुराहट बिखेरते हुए कहा,"ये मेरा लड़का है और इसको एक रोग है जिसका इलाज डाक्टर मार्क नामक व्यक्ति के पास है परंतु मेरे पास इतने पैसे नहीं हैं कि मैं उन तक, उनके शहर जा सकूं क्योंकि वे दूर किसी शहर में रहते हैं। यह सच है की कि भगवान ने अभी तक मेरी किसी प्रार्थना का जवाब नहीं दिया किंतु मुझे विश्वास है कि भगवान एक न एक दिन कोई रास्ता बना ही देंगे। वे मेरा विश्वास टूटने नहीं देंगे। वे अवश्य ही मेरे बच्चे का इलाज डा. मार्क से करवा कर इसे स्वस्थ कर देंगे।"
डाक्टर मार्क तो सन्न रह गए। वे कुछ पल बोल ही नहीं पाए। आंखों में आंसू लिए धीरे से बोले,"भगवान बहुत महान हैं।"
(उन्हें सारा घटनाक्रम याद आने लगा। कैसे उन्हें सम्मेलन में जाना था। कैसे उनके जहाज को इस अंजान शहर में आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी। कैसे टैक्सी के लिए ड्राइवर नहीं मिला और वे तूफान की वजह से रास्ता भटक गए और यहां आ गए।)
वे समझ गए कि यह सब इसलिए नहीं हुआ कि भगवान को केवल इस औरत की प्रार्थना का उत्तर देना था बल्कि भगवान उन्हें भी एक मौका देना चाहते थे कि वे भौतिक जीवन में धन कमाने, प्रतिष्ठा कमाने, इत्यादि से ऊपर उठें और असहाय लोगों की सहायता करें। वे समझ गए की भगवान चाहते हैं कि मैं उन लोगों का इलाज करूं जिनके पास धन तो नहीं है किंतु जिन्हें भगवान पर विश्वास है।
🙏🏻🌹शुभप्रभात 🌹🙏🏻
#135 ADMIN
07:20:04 AM 11 Apr, 2016
पोपट लाल की घरवाली मर गयी ।
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पर पोपट की आँखों मेँ आँसू नहीँ आ रहे थे ....
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एक दोसत ने पूछा - रोओगे नहीँ तो लोग कया कहेँगे ?
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पोपट - मन मेँ तो खुशी है आँखों मेँ आँसू कहाँ से आएगेँ ?
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दोसत - तु ये सोच तेरी घरवाली जिनदा हो गयी है ॥
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अब पोपट बिलख बिलख कर रो रहा है ...
सब चुप कराने में लगे हैं चुप ही नहीं हो रहा है !!
#181 ADMIN
06:59:01 PM 11 Apr, 2016
1 खाना बनायेगी
1 मुझे गाना सुनायेगी
1 घर का ध्यान रखेगी
1 मुझे नहलायेगी....
इतने में माँ बोली "और 1 तुझे सुलायेगी..."
बेटा बडी़ मासूमियत से बोला - "नहीं माँ मैं उनके पास नहीं सोऊँगा, मैं तो आपके पास ही सोऊंगा.."
माँ की आँखों में आंसू 😩 आ गये - "जुग जुग जियो मेरा लाल..."
माँ - "लेकिन बेटा वो पांचो किसके साथ सोयेगी ?"
बेटा - "वो पापा के पास सो जाएंगी..."
इस बार पापा की आँखों में आँसू थे
"जुग जुग Jio मेरा लाल..."😂😂😁
#237 ADMIN
07:36:00 AM 11 May, 2016
*पहली बार किसी कविता को पढ़कर आंसू आ गए ।*😔😔
*दुध पिलाया जिसने छाती से निचोड़कर*
*मैं* *'निकम्मा, कभी 1 ग्लास पानी पिला न सका ।* 😭
*बुढापे का "सहारा,, हूँ* *'अहसास' दिला न सका*
*पेट पर सुलाने वाली को* *'मखमल,* *पर सुला न सका ।* 😭
*वो 'भूखी, सो गई 'बहू, के 'डर, से एकबार मांगकर*
*मैं "सुकुन,, के 'दो, निवाले उसे खिला न सका ।*😭
*नजरें उन 'बुढी, "आंखों से कभी मिला न सका ।*
*वो 'दर्द, सहती रही में खटिया पर तिलमिला न सका ।* 😔
*जो हर "जीवनभर" 'ममता, के रंग पहनाती रही मुझे*
*उसे "दिवाली पर दो 'जोड़ी, कपडे सिला न सका ।* *😭*
*"बिमार बिस्तर से उसे 'शिफा, दिला न सका ।*
*'खर्च के डर से उसे बड़े* *अस्पताल, ले जा न सका ।* 😔
*"माँ" के बेटा कहकर 'दम,तौडने बाद से अब तक सोच रहा हूँ*,
*'दवाई, इतनी भी "महंगी,, न थी के मैं ला ना सका* । 😭
*माँ तो माँ होती हे भाईयों माँ अगर कभी गुस्से मे गाली भी दे तो उसे उसका "Duaa"* *समझकर भूला देना चाहिए*|✨,, ✨
*मैं यह वादा करता अगर यह पोस्ट आप दस ग्रुप मे भेजोगे तो कम से कम दो लड़के ईस पोस्ट को पढ कर अपनी माँ के बारे मे सोचेंगे जरुर!!!!!!!!* 😔
#267 ADMIN
05:16:49 PM 11 May, 2016
दस बातें जिनके लिए NDTV इंडिया को बैन किया जाना चाहिए।
1- क्योंकि NDTV इंडिया जादू -टोना , करिश्मा ,चमत्कार जैसी खबरें नहीं दिखाता।
2- क्योंकि NDTV इंडिया चपड़गंजू बाबाओं को लाकर दिन का राशिफल और भविष्य नहीं दिखाता।
3- क्योंकि NDTV इंडिया जब सारे चैनल सास बहू और साज़िस, झगड़े चला रहे होते हैं तो वह देश से जुडी और खबरें चला रहा होता है।
4- क्योंकि NDTV इंडिया इंटरटेंमेंट के किन चैनलों TRP कहाँ पहुंची ,कौन सा सीरियल इस सप्ताह हिट जायेगा ,कौन सा पिछले सप्ताह फ्लॉप रहा ,ये सब नहीं दिखता।
5- क्योंकि NDTV इंडिया आपको सवाल करने को कहता है, किसी भी खबर पर आँख मूदकर भरोसा करने से रोकता है।
6-क्योंकि NDTV इंडिया सरकार की गलत नीतियों को खुलकर बिना चाटुकारिता के दिखाता है।
7- क्योंकि NDTV इंडिया दलितों पर अत्याचार ,आदिवासियों का मुद्दा ,ब्राह्मणवाद और संघ की करतूतों को बेझिझक दिखाता है।
8-क्योंकि NDTV इंडिया आम जनता को(not bhakts) निष्पक्ष चैनल लगता है और सेकुलरिज्म की बात करता है।
9-क्योंकि NDTV कुशवाहा समेत अन्य वंचित वर्गों की वर्तमान स्थिति और जनसँख्या व सम्राट अशोक महान पर डिबेट कराता है
10- और सबसे अहम् और महत्वपूर्ण ये की NDTV इंडिया के एंकर Ravish kumar को बेस्ट एंकर का अवार्ड मिलता है।
#277 ADMIN
05:29:09 PM 11 May, 2016
एक मित्र ने बहुत ही सुंदर पंक्तियां भेजी है, फारवर्ड करने से खुद को रोक नहीं पाया ...
🔹नयी सदी से मिल रही, दर्द भरी सौगात!
बेटा कहता बाप से, तेरी क्या औकात!!
🔹पानी आँखों का मरा, मरी शर्म और लाज!
कहे बहू अब सास से, घर में मेरा राज!!
🔹भाई भी करता नहीं, भाई पर विश्वास!
बहन पराई हो गयी, साली खासमखास!!
🔹मंदिर में पूजा करें, घर में करें कलेश!
बापू तो बोझा लगे, पत्थर लगे गणेश!!
🔹बचे कहाँ अब शेष हैं, दया, धरम, ईमान!
पत्थर के भगवान हैं, पत्थर दिल इंसान!!
🔹पत्थर के भगवान को, लगते छप्पन भोग!
मर जाते फुटपाथ पर, भूखे, प्यासे लोग!!
🔹फैला है पाखंड का, अन्धकार सब ओर!
पापी करते जागरण, मचा-मचा कर शोर!
🔹पहन मुखौटा धरम का, करते दिन भर पाप!
भंडारे करते फिरें, घर में भूखा बाप!
अच्छी लगे तो आगे शेयर कीजिए नहीं तो रहने दिजिये। धन्यवाद॥॥॥
#306 ADMIN
12:45:26 AM 11 Jun, 2016
*होठों को छुआ उसने तो, एहसास अब तक है,*
आंखे नम हुई तो सांसो में आग अब तक है,
.
.
.
.
वक़्त गुजर गया, पर उसकी याद नही गई,
क्या कहूं, *'हरी मिर्च का स्वाद अब तक है'। "
😛 😝 😜 😝 😜 😝 😜 😝 😛
#331 ADMIN
05:10:21 PM 11 Jun, 2016
प्यार कर के कोई जताए ये ज़रूरी तो नहीं,
याद कर के कोई बताये ये ज़रूरी तो नहीं,
रोने वाले तो दिल में ही रो लेते हैं,
किसी की आँखों में आँसू आये ये ज़रूरी तो नहीं…
#367 ADMIN
11:56:21 PM 11 Jun, 2016
प्यार कर के कोई जताए ये ज़रूरी तो नहीं,
याद कर के कोई बताये ये ज़रूरी तो नहीं,
रोने वाले तो दिल में ही रो लेते हैं,
किसी की आँखों में आँसू आये ये ज़रूरी तो नहीं…