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Afsar
12:00:00 AM 12 Jun, 2017
एक रास्ता ये भी है मंजिलों को पाने का कि,
सीख लो तुम भी हुनर हाँ में हाँ मिलाने का।
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#101 ADMIN
02:54:12 AM 11 Apr, 2016
पवित्र_ह्रदय_और_सच्ची_भावना
यह एक सत्य कहानी है धैर्य से पढ़ें डा. मार्क एक प्रसिद्ध कैंसर स्पैश्लिस्ट हैं, एक बार किसी सम्मेलन में भाग लेने लिए किसी दूर के शहर जा रहे थे। वहां उनको उनकी नई मैडिकल रिसर्च के महान कार्य के लिए पुरुस्कृत किया जाना था। वे बड़े उत्साहित थे व जल्दी से जल्दी वहां पहुंचना चाहते थे। उन्होंने इस शोध के लिए बहुत मेहनत की थी। बड़ा उतावलापन था, उनका उस पुरुस्कार को पाने के लिए।
उड़ने के लगभग दो घण्टे बाद उनके जहाज़ में तकनीकी खराबी आ गई, जिसके कारण उनके हवाई जहाज को आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी। डा. मार्क को लगा कि वे अपने सम्मेलन में सही समय पर नहीं पहुंच पाएंगे, इसलिए उन्होंने स्थानीय कर्मचारियों से रास्ता पता किया और एक टैक्सी कर ली, सम्मेलन वाले शहर जाने के लिए। उनको पता था की अगली प्लाईट 10 घण्टे बाद है। टैक्सी तो मिली लेकिन ड्राइवर के बिना इसलिए उन्होंने खुद ही टैक्सी चलाने का निर्णय लिया।
जैसे ही उन्होंने यात्रा शुरु की कुछ देर बाद बहुत तेज, आंधी-तूफान शुरु हो गया। रास्ता लगभग दिखना बंद सा हो गया। इस आपा-धापी में वे गलत रास्ते की ओर मुड़ गए। लगभग दो घंटे भटकने के बाद उनको समझ आ गया कि वे रास्ता भटक गए हैं। थक तो वे गए ही थे, भूख भी उन्हें बहुत ज़ोर से लग गई थी। उस सुनसान सड़क पर भोजन की तलाश में वे गाड़ी इधर-उधर चलाने लगे। कुछ दूरी पर उनको एक झोंपड़ी दिखी।
झोंपड़ी के बिल्कुल नजदीक उन्होंने अपनी गाड़ी रोकी। परेशान से होकर गाड़ी से उतरे और उस छोटे से घर का दरवाज़ा खटखटाया। एक स्त्री ने दरवाज़ा खोला। डा. मार्क ने उन्हें अपनी स्थिति बताई और एक फोन करने की इजाजत मांगी। उस स्त्री ने बताया कि उसके यहां फोन नहीं है। फिर भी उसने उनसे कहा कि आप अंदर आइए और चाय पीजिए। मौसम थोड़ा ठीक हो जाने पर, आगे चले जाना।
भूखे, भीगे और थके हुए डाक्टर ने तुरंत हामी भर दी। उस औरत ने उन्हें बिठाया, बड़े सम्मान के साथ चाय दी व कुछ खाने को दिया। साथ ही उसने कहा, "आइए, खाने से पहले भगवान से प्रार्थना करें और उनका धन्यवाद कर दें।"
डाक्टर उस स्त्री की बात सुन कर मुस्कुरा दिेए और बोले,"मैं इन बातों पर विश्वास नहीं करता। मैं मेहनत पर विश्वास करता हूं। आप अपनी प्रार्थना कर लें।"
टेबल से चाय की चुस्कियां लेते हुए डाक्टर उस स्त्री को देखने लगे जो अपने छोटे से बच्चे के साथ प्रार्थना कर रही थी। उसने कई प्रकार की प्रार्थनाएं की। डाक्टर मार्क को लगा कि हो न हो, इस स्त्री को कुछ समस्या है। जैसे ही वह औरत अपने पूजा के स्थान से उठी, तो डाक्टर ने पूछा,"आपको भगवान से क्या चाहिेए? क्या आपको लगता है कि भगवान आपकी प्रार्थनाएं सुनेंगे?"
उस औरत ने धीमे से उदासी भरी मुस्कुराहट बिखेरते हुए कहा,"ये मेरा लड़का है और इसको एक रोग है जिसका इलाज डाक्टर मार्क नामक व्यक्ति के पास है परंतु मेरे पास इतने पैसे नहीं हैं कि मैं उन तक, उनके शहर जा सकूं क्योंकि वे दूर किसी शहर में रहते हैं। यह सच है की कि भगवान ने अभी तक मेरी किसी प्रार्थना का जवाब नहीं दिया किंतु मुझे विश्वास है कि भगवान एक न एक दिन कोई रास्ता बना ही देंगे। वे मेरा विश्वास टूटने नहीं देंगे। वे अवश्य ही मेरे बच्चे का इलाज डा. मार्क से करवा कर इसे स्वस्थ कर देंगे।"
डाक्टर मार्क तो सन्न रह गए। वे कुछ पल बोल ही नहीं पाए। आंखों में आंसू लिए धीरे से बोले,"भगवान बहुत महान हैं।"
(उन्हें सारा घटनाक्रम याद आने लगा। कैसे उन्हें सम्मेलन में जाना था। कैसे उनके जहाज को इस अंजान शहर में आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी। कैसे टैक्सी के लिए ड्राइवर नहीं मिला और वे तूफान की वजह से रास्ता भटक गए और यहां आ गए।)
वे समझ गए कि यह सब इसलिए नहीं हुआ कि भगवान को केवल इस औरत की प्रार्थना का उत्तर देना था बल्कि भगवान उन्हें भी एक मौका देना चाहते थे कि वे भौतिक जीवन में धन कमाने, प्रतिष्ठा कमाने, इत्यादि से ऊपर उठें और असहाय लोगों की सहायता करें। वे समझ गए की भगवान चाहते हैं कि मैं उन लोगों का इलाज करूं जिनके पास धन तो नहीं है किंतु जिन्हें भगवान पर विश्वास है।
🙏🏻🌹शुभप्रभात 🌹🙏🏻
#5904 Joker
12:00:00 AM 13 Feb, 2017
इसे कहते है जोक्स का बाप जरूर पढ़े
एक बार एक अंग्रेज हिंदुस्तान आया
.
उसने एक दुकानदार से कहा कि
मुझे आप हिन्दी सिखाओ।
.
.
मैं आपके यहां नौकरी करूंगा।
.
उसने कहा मेरे पास एक सेब की दुकान है।
यहां जो भी ग्राहक आता है वो तीन चीजें
बोलता है। पहली ‘सेब क्या भाव हैं?’
दूसरी, ‘कुछ खराब हैं’
.
और तीसरी, ‘मुझे नहीं लेने।’
.
इसके बाद दुकानदार ने अंग्रेज को बताया,
‘इनके जवाब में तुम बोलना, ‘तीस रुपए किलो।’
फिर कहना, ‘कुछ- कुछ खराब हैं।’
और जब ग्राहक जाने
लगे तो उससे कहना, ‘तुम नहीं ले
जाओगे तो कोई और ले जाएगा।
.
हम तो खड़े ही इस काम के लिए हैं।’
.
.
थोड़ी देर बाद दुकान पर एक लड़की आई।
उसने पूछा, ‘रेलवे स्टेशन
कौन-सा रास्ता जाता है?’
.
अंग्रेज : तीस रुपए किलो।
.
लड़की : क्या बक रहे हो, दिमाग
खराब है क्या?
अंग्रेज : कुछ-कुछ खराब है।
.
.
लड़की (गुस्से में) : तुझे तो थाने लेकर जाना
पड़ेगा।
अंग्रेज : तुम नहीं ले जाओगी तो कोई और ले
जाएगा। हम तो खड़े ही इस काम के लिए हैं
अकेले अकेले मत हँसो नहीं तो दोस्त बुरा मान जायेंगे! जल्दी से शेयर करके दोस्तों को भी हँसाओ!
#7008 Kapil
12:00:00 AM 13 Feb, 2017
इसे कहते है जोक्स का बाप जरूर पढ़े
एक बार एक अंग्रेज हिंदुस्तान आया
.
उसने एक दुकानदार से कहा कि
मुझे आप हिन्दी सिखाओ।
.
.
मैं आपके यहां नौकरी करूंगा।
.
उसने कहा मेरे पास एक सेब की दुकान है।
यहां जो भी ग्राहक आता है वो तीन चीजें
बोलता है। पहली ‘सेब क्या भाव हैं?’
दूसरी, ‘कुछ खराब हैं’
.
और तीसरी, ‘मुझे नहीं लेने।’
.
इसके बाद दुकानदार ने अंग्रेज को बताया,
‘इनके जवाब में तुम बोलना, ‘तीस रुपए किलो।’
फिर कहना, ‘कुछ- कुछ खराब हैं।’
और जब ग्राहक जाने
लगे तो उससे कहना, ‘तुम नहीं ले
जाओगे तो कोई और ले जाएगा।
.
हम तो खड़े ही इस काम के लिए हैं।’
.
.
थोड़ी देर बाद दुकान पर एक लड़की आई।
उसने पूछा, ‘रेलवे स्टेशन
कौन-सा रास्ता जाता है?’
.
अंग्रेज : तीस रुपए किलो।
.
लड़की : क्या बक रहे हो, दिमाग
खराब है क्या?
अंग्रेज : कुछ-कुछ खराब है।
.
.
लड़की (गुस्से में) : तुझे तो थाने लेकर जाना
पड़ेगा।
अंग्रेज : तुम नहीं ले जाओगी तो कोई और ले
जाएगा। हम तो खड़े ही इस काम के लिए हैं
अकेले अकेले मत हँसो नहीं तो दोस्त बुरा मान जायेंगे! जल्दी से शेयर करके दोस्तों को भी हँसाओ!
#7054 TIPU
12:00:00 AM 14 Feb, 2017
एक लड़की अपने ब्वॉयफ़्रेंड को अपने घर आने
का रास्ता बता रही थी।
" देखो, बिल्डिंग के अंदर आकर बाईं तरफ़
लिफ़्ट है। लिफ़्ट में आकर अपनी कोहनी से 9
नम्बर का बटन दबाना –जब नौवें फ़्लोर पर
आ जाओ तो राइट हैंड पर दूसरा फ़्लैट
हमारा है। यहाँ आकर अपनी कोहनी से
घंटी का बटना दबाना, मैं दरवाज़ा खोल
दूंगी "
ब्वॉयफ़्रेंड: लेकिन स्वीटहार्ट ये सब बटन मैं
उंगली से दबाऊंगा तो ज़्यादा आसानी
होगी
.
.लड़की: ओह माई गॉड!!!... मतलब तुम
खाली हाथ आ रहे हो?!!!
#13004 Kishan Exp
12:00:00 AM 21 Feb, 2017
जिंदगी मेँ सुखी होने का एक रास्ता है
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
ये फोन बेच के
ये फोन ले लो!
#15250 TIPU
12:00:00 AM 08 Mar, 2017
एक बार उन्होने चलते चलते मुझे पूछा,
कौन हूँ मैं और कौन हो तुम,
मैंने मुस्कुराया और कहा,
ये रास्ता हूँ मैं और मंज़िल हो तुम…
#17809 Happy
12:00:00 AM 25 Mar, 2017
एक शादीशुदा जोड़ा बाग में टहल रहा था।
अचानक एक बड़ा सा कुत्ता उनकी तरफ झपटा,
दोनों को ही लगा कि ये उन्हें काट लेगा। बचने का कोई रास्ता न देख पति ने तुरंत ‘अपनी पत्नी को’ गोद में ऊपर तक उठा लिया
ताकि …..कुत्ता काटे तो उसे काटे उसकी पत्नी को नही।
कुत्ता बिलकुल नज़दीक आकर रुका, कुछ देर तो भौंका और फिर पीछे की तरफ भाग गया।
पति ने चैन की सांस ली और इस उम्मीद में पत्नी को गोद से उतारा कि पत्नी उसे गले लगाएगी
तभी उसकी तमाम उम्मीदों पर पानी फेरते हुए….
उसकी बीवी चिल्लाई…”मैंने आज तक लोगों को कुत्ते को भगाने के लिए पत्थर या डंडा फेंकते तो देखा था
पर ऐसा आदमी पहली बार देख रही हूँ जो कुत्ते को भगाने के लिए ….अपनी बीवी को फेंकने के लिये तैयार था।”
“शिक्षा” :-
शादी शुदा लोगो को अपनी बीवियों से कभी तारीफ की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।
#18377 Happy
12:00:00 AM 29 Mar, 2017
एक बार नरेन्द्र मोदी और राहुल गांधी रेगिस्तान में रास्ता भटक गए, दोनों भूखे प्यासे थे तभी सामने एक मस्जिद दिखाई दी।
राहुल गांधी ने मोदी जी को कहा चलो मस्जिद में चलते हैं।
मै अपना नाम अहमद बोलूँगा और तुम रहमान बोलना तो वहाँ खाना पीना मिल जायेगा !
मोदी जी ने कहा :- नहीं, मैं अपना नाम नहीं बदलूँगा।मै एक हिन्दु हुँ और सदा हिन्दु ही रहुँगा।
दोनो मस्जिद में गए, मौलवी जी ने पूछा आप लोग कौन हैं .??
मोदी :- मै नरेन्द्र भाई मोदी हूँ।
राहुल गांधी :- मैं अहमद हूँ।
मौलवी जी ने कहा:-
नरेन्द्र भाई मोदी जी को पानी दिजिए और कुछ खाने को दीजिए
और
अहमद मियाँ रमजान मुबारक हो।
(पप्पु तो हमेशा, पप्पु ही रहेगा।)
#18652 Ramking
12:00:00 AM 14 Apr, 2017
पवित्र_ह्रदय_और_सच्ची_भावना
यह एक सत्य कहानी है धैर्य से पढ़ें डा. मार्क एक प्रसिद्ध कैंसर स्पैश्लिस्ट हैं, एक बार किसी सम्मेलन में भाग लेने लिए किसी दूर के शहर जा रहे थे। वहां उनको उनकी नई मैडिकल रिसर्च के महान कार्य के लिए पुरुस्कृत किया जाना था। वे बड़े उत्साहित थे व जल्दी से जल्दी वहां पहुंचना चाहते थे। उन्होंने इस शोध के लिए बहुत मेहनत की थी। बड़ा उतावलापन था, उनका उस पुरुस्कार को पाने के लिए।
उड़ने के लगभग दो घण्टे बाद उनके जहाज़ में तकनीकी खराबी आ गई, जिसके कारण उनके हवाई जहाज को आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी। डा. मार्क को लगा कि वे अपने सम्मेलन में सही समय पर नहीं पहुंच पाएंगे, इसलिए उन्होंने स्थानीय कर्मचारियों से रास्ता पता किया और एक टैक्सी कर ली, सम्मेलन वाले शहर जाने के लिए। उनको पता था की अगली प्लाईट 10 घण्टे बाद है। टैक्सी तो मिली लेकिन ड्राइवर के बिना इसलिए उन्होंने खुद ही टैक्सी चलाने का निर्णय लिया।
जैसे ही उन्होंने यात्रा शुरु की कुछ देर बाद बहुत तेज, आंधी-तूफान शुरु हो गया। रास्ता लगभग दिखना बंद सा हो गया। इस आपा-धापी में वे गलत रास्ते की ओर मुड़ गए। लगभग दो घंटे भटकने के बाद उनको समझ आ गया कि वे रास्ता भटक गए हैं। थक तो वे गए ही थे, भूख भी उन्हें बहुत ज़ोर से लग गई थी। उस सुनसान सड़क पर भोजन की तलाश में वे गाड़ी इधर-उधर चलाने लगे। कुछ दूरी पर उनको एक झोंपड़ी दिखी।
झोंपड़ी के बिल्कुल नजदीक उन्होंने अपनी गाड़ी रोकी। परेशान से होकर गाड़ी से उतरे और उस छोटे से घर का दरवाज़ा खटखटाया। एक स्त्री ने दरवाज़ा खोला। डा. मार्क ने उन्हें अपनी स्थिति बताई और एक फोन करने की इजाजत मांगी। उस स्त्री ने बताया कि उसके यहां फोन नहीं है। फिर भी उसने उनसे कहा कि आप अंदर आइए और चाय पीजिए। मौसम थोड़ा ठीक हो जाने पर, आगे चले जाना।
भूखे, भीगे और थके हुए डाक्टर ने तुरंत हामी भर दी। उस औरत ने उन्हें बिठाया, बड़े सम्मान के साथ चाय दी व कुछ खाने को दिया। साथ ही उसने कहा, आइए, खाने से पहले भगवान से प्रार्थना करें और उनका धन्यवाद कर दें।
डाक्टर उस स्त्री की बात सुन कर मुस्कुरा दिेए और बोले,मैं इन बातों पर विश्वास नहीं करता। मैं मेहनत पर विश्वास करता हूं। आप अपनी प्रार्थना कर लें।
टेबल से चाय की चुस्कियां लेते हुए डाक्टर उस स्त्री को देखने लगे जो अपने छोटे से बच्चे के साथ प्रार्थना कर रही थी। उसने कई प्रकार की प्रार्थनाएं की। डाक्टर मार्क को लगा कि हो न हो, इस स्त्री को कुछ समस्या है। जैसे ही वह औरत अपने पूजा के स्थान से उठी, तो डाक्टर ने पूछा,आपको भगवान से क्या चाहिेए? क्या आपको लगता है कि भगवान आपकी प्रार्थनाएं सुनेंगे?
उस औरत ने धीमे से उदासी भरी मुस्कुराहट बिखेरते हुए कहा,ये मेरा लड़का है और इसको एक रोग है जिसका इलाज डाक्टर मार्क नामक व्यक्ति के पास है परंतु मेरे पास इतने पैसे नहीं हैं कि मैं उन तक, उनके शहर जा सकूं क्योंकि वे दूर किसी शहर में रहते हैं। यह सच है की कि भगवान ने अभी तक मेरी किसी प्रार्थना का जवाब नहीं दिया किंतु मुझे विश्वास है कि भगवान एक न एक दिन कोई रास्ता बना ही देंगे। वे मेरा विश्वास टूटने नहीं देंगे। वे अवश्य ही मेरे बच्चे का इलाज डा. मार्क से करवा कर इसे स्वस्थ कर देंगे।
डाक्टर मार्क तो सन्न रह गए। वे कुछ पल बोल ही नहीं पाए। आंखों में आंसू लिए धीरे से बोले,भगवान बहुत महान हैं।
(उन्हें सारा घटनाक्रम याद आने लगा। कैसे उन्हें सम्मेलन में जाना था। कैसे उनके जहाज को इस अंजान शहर में आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी। कैसे टैक्सी के लिए ड्राइवर नहीं मिला और वे तूफान की वजह से रास्ता भटक गए और यहां आ गए।)
वे समझ गए कि यह सब इसलिए नहीं हुआ कि भगवान को केवल इस औरत की प्रार्थना का उत्तर देना था बल्कि भगवान उन्हें भी एक मौका देना चाहते थे कि वे भौतिक जीवन में धन कमाने, प्रतिष्ठा कमाने, इत्यादि से ऊपर उठें और असहाय लोगों की सहायता करें। वे समझ गए की भगवान चाहते हैं कि मैं उन लोगों का इलाज करूं जिनके पास धन तो नहीं है किंतु जिन्हें भगवान पर विश्वास है।
🙏🏻🌹शुभप्रभात 🌹🙏🏻
#21883 Rakesh
12:00:00 AM 13 May, 2017
मेरे बच्चे, मेरे प्यारे,
तू मेरे जिस्म पर उगा हुआ
इक प्यारा सा नन्हा फूल...
क्या है तेरा मुझसे रिश्ता?
बस....एक लाल धागे का...
टूटने पर भी उतना ही सच्चा, उतना ही पक्का
जितना परमात्मा से आत्मा का रिश्ता.
तेरी मुस्कुराहटों से जागता है
मेरी सुबहों का लाल सूरज.
तेरी संतुष्टी में ढलता है
मेरी शामों का सुनहरी सूरज.
तेरी हिम्मतों से खिलता है
मेरी रातों का सफेद चंद्रमा.
तेरी खुशियों में झिलमिलाते हैं
मेरी रातों के चंचल तारे.
तेरा जीवन सफ़र है मेरी आकाशगंगा
जहाँ तेरी कामयाबी ...है मेरा स्वर्णिम मुकाम वहीँ
जहाँ तू नहीं...वो स्वर्ग हो कर भी मेरे लिए स्वर्ग नहीं.
तेरी हिम्मत की बताये रास्तों पर चल कर
उलझने की बजाये तूने अपना रास्ता खुद चुना.
मोती मिलेंगे तुझे...मेरे बच्चे...
बस जिन्दगी की सिप्पियाँ खुद ही खोल कर देखना होगा.
अंतहीन नीले आसमान की ऊंचाइयो में अकेले पंछी की तरह धीरज से उड़ना होगा.
अपनी रातों के रंगीन सपनों को खुली आँखों से हकीकत में उतारना होगा.
अपनी खामोशियों में मचलते शब्दों को चुन चुन कर गीतों से संवारना होगा.
अपनी राहों में परमात्मा की उंगली थामे बादलों के महलों में छुपे खज़ाने को खुद ही तलाशना होगा.
वेदों की सच्चाईओं का आशीर्वाद देती हूँ तुझे...
तेरी आँखों में हर पल सूरज की रोशनी जगमगाए
वायू देवता तेरे प्राणों में निरंतर बसें
वाणी में अग्नी सी साफ़ सच्चाई और
चंद्रमा की चांदनी सी मासूमियत तेरे दिल में बसे.
ओ परमात्मा ...
मेरे बच्चे के संकल्प मंगलमय कर दे
उसके रोम रोम में चिंतन की काबिलियत भर दे
मेरे बच्चे के मन में सच्चाई, शांती और मुहब्बत भर दे
मेरे बच्चे को अपना प्रिय जान उसका जीवन सुखमय कर दे
अपने रहमों करम की बारिश से मेरे बच्चे के घर में दाने भर दे.