नमक की तरह कड़वा ज्ञान देने वाला ही
सच्चा मित्र होता है,
मिठी बात करने वाले तो
चापलुस भी होते है।
इतिहास गवाह है की आज तक कभी
नमक में कीड़े नहीं पड़े।
और मिठाई में तो
अक़्सर कीड़े पड़ जाया करते है…
नमक की तरह कड़वा ज्ञान देने वाला ही
सच्चा मित्र होता है,
मिठी बात करने वाले तो
चापलुस भी होते है।
इतिहास गवाह है की आज तक कभी
नमक में कीड़े नहीं पड़े।
और मिठाई में तो
अक़्सर कीड़े पड़ जाया करते है…
