Afsar 12:00:00 AM 13 Jun, 2017

पलकों मे कैद कुछ सपनें है,
कुछ अपने हैं और कुछ बेगाने हैं,

न जाने क्या कशिश है
इन ख़्यालों में कुछ लोग दूर् होकर भी कितने अपने हैं।

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