ADMIN 05:30:00 AM 01 Jan, 1970

पलकों में कैद कुछ सपने हैं;
कुछ बैगाने और कुछ अपने हैं;

ना जाने क्या कशिश है इन ख्यालों में;
कुछ लोग हमसे दूर होकर भी कितने अपने हैं ll 💔

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