पलकों में कैद कुछ सपने हैं;
कुछ बैगाने और कुछ अपने हैं;
ना जाने क्या कशिश है इन ख्यालों में;
कुछ लोग हमसे दूर होकर भी कितने अपने हैं ll 💔
पलकों में कैद कुछ सपने हैं;
कुछ बैगाने और कुछ अपने हैं;
ना जाने क्या कशिश है इन ख्यालों में;
कुछ लोग हमसे दूर होकर भी कितने अपने हैं ll 💔