कुछ भी हो वो अब दिल से जुदा हो
नहीं सकते;
हम मुजरिम-ए-तौहीन-ए-वफ़ा हो
नहीं सकते;
ऐ मौज-ए-हवादिस तुझे मालूम नहीं
क्या;
हम अहल-ए-मोहब्बत हैं फ़ना हो
नहीं सकते;
इतना तो बता जाओ ख़फ़ा होने से पहले;
वो क्या करें
जो तुम से ख़फ़ा हो नहीं सकते;
इक आप का दर है मेरी दुनिया-
ए-अक़ीदत;
ये सजदे कहीं और अदा हो
नहीं सकते;
अहबाब पे दीवाने 'असद' कैसा भरोसा;
ये ज़हर भरे घूँट रवा हो नहीं सकते।
