Afsar 12:00:00 AM 13 Jun, 2017

तुम ने जो दिल के अँधेरे में जलाया था कभी;
वो दिया आज भी सीने में जला रखा है;

देख आ कर दहकते हुए ज़ख्मों की बहार;
मैंने अब तक तेरे गुलशन को सजा रखा है।

Related to this Post: