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Reena
12:00:00 AM 14 Aug, 2018
अपनो से क्या और क्यूँ शिकायतें करूँ मैं,
ये शिकायतें अक्सर अपनो को गैर कर देती हैं..
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#420 ADMIN
11:36:48 PM 11 Jul, 2016
एक बार एक कुत्ते और गधे के बीच शर्त लगी
कि जो जल्दी से जल्दी दौडते हुए
दो गाँव आगे रखे एक सिंहासन पर बैठेगा...
वही उस सिंहासन का अधिकारी माना जायेगा,
और राज करेगा.
जैसा कि निश्चित हुआ था, दौड शुरू हुई.
कुत्ते को पूरा विश्वास था कि मैं ही जीतूंगा.
क्योंकि ज़ाहिर है इस गधे से तो मैं तेज ही दौडूंगा.
पर अागे किस्मत में क्या लिखा है ...
ये कुत्ते को मालूम ही नही था.
शर्त शुरू हुई .
कुत्ता तेजी से दौडने लगा.
पर थोडा ही आगे गया न गया था कि
अगली गली के कुत्तों ने उसे लपकना ,नोंचना ,भौंकना शुरू किया.
और ऐसा हर गली, हर चौराहे पर होता रहा..
जैसे तैसे कुत्ता हांफते हांफते सिंहासन के पास पहुंचा..
तो देखता क्या है कि गधा पहले ही से सिंहासन पर विराजमान है.
तो क्या...!
गधा उसके पहले ही वहां पंहुच चुका था... ?
और शर्त जीत कर वह राजा बन चुका था.. !
और ये देखकर
निराश हो चुका कुत्ता बोल पडा..
अगर मेरे ही लोगों ने मुझे आज पीछे न खींचा होता तो आज ये गधा इस सिंहासन पर न बैठा होता ...
तात्पर्य ...
*१. अपने लोगों को काॅन्फिडेंस में लो.*
*२. अपनों को आगे बढने का मौका दो, उन्हें मदद करो.*
*३. नही तो कल बाहरी गधे हम पर राज करने लगेंगे.*
*४. पक्का विचार और आत्म परीक्षण करो.*
⭐जो मित्र आगे रहकर होटल के बिल का पेमेंट करतें हैं, वो उनके पास खूब पैसा है इसलिये नही ... ⭐
⭐बल्कि इसलिये.. कि उन्हें मित्र पैसों से अधिक प्रिय हैं ⭐
⭐ऐसा नही है कि जो हर काम में आगे रहतें हैं वे मूर्ख होते हैं, बल्कि उन्हें अपनी जवाबदारी का एहसास हरदम बना रहता है इसलिये ⭐
⭐जो लडाई हो चुकने पर पहले क्षमा मांग लेतें हैं, वो इसलिये नही, कि वे गलत थे... बल्कि उन्हें अपने लोगों की परवाह होती है इसलिये.⭐
⭐जो तुम्हे मदद करने के लिये आगे आतें हैं वो तुम्हारा उनपर कोई कर्ज बाकी है इसलिये नही... बल्कि वे तुम्हें अपना मानतें हैं इसलिये⭐
⭐जो खूब वाट्स एप पोस्ट भेजते रहतें हैं वो इसलिये नही कि वे निरे फुरसती होतें हैं ...
बल्कि उनमें सतत आपके संपर्क में बनें रहने की इच्छा रहती है ... इसलिये ⭐
*( आत्मचिंतन करने योग्य पोस्ट)*
#563 ADMIN
10:04:15 AM 11 Oct, 2016
क्या खूब लिखा है किसी ने...🖊
आगे सफर था और पीछे हमसफर था...🖊
रूकते तो सफर छूट जाता और चलते तो हमसफर छूट जाता...🖊
मंजिल की भी हसरत थी और उनसे भी मोहब्बत थी...🖊
ए दिल तू ही बता,उस वक्त मैं कहाँ जाता...🖊
मुद्दत का सफर भी था और बरसो
का हमसफर भी था
रूकते तो बिछड जाते और चलते तो बिखर जाते...🖊
यूँ समँझ लो,
प्यास लगी थी गजब की
मगर पानी मे जहर था...🖊
पीते तो मर जाते और ना पीते तो भी मर जाते...🖊
बस यही दो मसले, जिंदगीभर ना हल हुए...🖊
ना नींद पूरी हुई, ना ख्वाब मुकम्मल हुए...🖊
वक़्त ने कहा.....काश थोड़ा और सब्र होता...🖊
सब्र ने कहा....काश थोड़ा और वक़्त होता🖊
सुबह सुबह उठना पड़ता है कमाने के लिए साहेब...🖊
आराम कमाने निकलता हूँ आराम छोड़कर...🖊
"हुनर" सड़कों पर तमाशा करता है और "किस्मत" महलों में राज करती है...🖊
"शिकायते तो बहुत है तुझसे ऐ जिन्दगी,
पर चुप इसलिये हु कि, जो दिया तूने,
वो भी बहुतो को नसीब नहीं होता"...🖊
अजीब सौदागर है ये वक़्त भी
जवानी का लालच दे के बचपन ले गया...🖊
अब अमीरी का लालच दे के जवानी ले जाएगा...🖊
लौट आता हूँ वापस घर की तरफ... हर रोज़ थका-हारा,
आज तक समझ नहीं आया की जीने के लिए काम करता हूँ या काम करने के लिए जीता हूँ...🖊
बचपन में सबसे अधिक बार पूछा गया सवाल -
"बङे हो कर क्या बनना है ?"
जवाब अब मिला है, - "फिर से बच्चा बनना है...🖊
“थक गया हूँ तेरी नौकरी से ऐ जिन्दगी
मुनासिब होगा मेरा हिसाब कर दे...🖊
दोस्तों से बिछड़ कर यह हकीकत खुली...🖊
बेशक, कमीने थे पर रौनक उन्ही से थी...🖊
भरी जेब ने ' दुनिया ' की पहेचान करवाई और खाली जेब ने ' अपनो ' की...🖊
जब लगे पैसा कमाने, तो समझ आया,
शौक तो मां-बाप के पैसों से पुरे होते थे,
अपने पैसों से तो सिर्फ जरूरतें पुरी होती है...🖊
हंसने की इच्छा ना हो,
तो भी हसना पड़ता है...🖊
.
कोई जब पूछे कैसे हो..?
तो मजे में हूँ कहना पड़ता है...🖊
.
ये ज़िन्दगी का रंगमंच है दोस्तों,
यहाँ हर एक को नाटक करना पड़ता है...🖊
"माचिस की ज़रूरत यहाँ नहीं पड़ती,
यहाँ आदमी आदमी से जलता है...🖊
दुनिया के बड़े से बड़े साइंटिस्ट, ये ढूँढ रहे हैं की
मंगल ग्रह पर जीवन है या नहीं...🖊
पर आदमी ये नहीं ढूँढ रहा
कि जीवन में मंगल है या नहीं...🖊
मंदिर में फूल चढ़ा कर आए तो यह एहसास हुआ,
कि...
पत्थरों को मनाने में ,
फूलों का क़त्ल कर आए हम...🖊
गए थे गुनाहों की माफ़ी माँगने,
वहाँ एक और गुनाह कर आए हम...🖊
Good Morning
#2256 ADMIN
05:30:00 AM 01 Jan, 1970
Ⓜ kya khoob likha hai kisine
आगे सफर था और पीछे हमसफर था..
रूकते तो सफर छूट जाता और चलते तो हमसफर छूट जाता..
मंजिल की भी हसरत थी और उनसे भी मोहब्बत थी..
ए दिल तू ही बता,उस वक्त मैं कहाँ जाता...
मुद्दत का सफर भी था और बरसो का हमसफर भी था
रूकते तो बिछड जाते और चलते तो बिखर जाते....
यूँ समँझ लो,
प्यास लगी थी गजब की... मगर पानी मे जहर था...
पीते तो मर जाते और ना पीते तो भी मर जाते.
बस यही दो मसले, जिंदगीभर ना हल हुए!!!
ना नींद पूरी हुई, ना ख्वाब मुकम्मल हुए!!!
वक़्त ने कहा.....काश थोड़ा और सब्र होता!!!
सब्र ने कहा....काश थोड़ा और वक़्त होता!!!
सुबह सुबह उठना पड़ता है कमाने के लिए साहेब...।।
आराम कमाने निकलता हूँ आराम छोड़कर।।
"हुनर" सड़कों पर तमाशा करता है और "किस्मत" महलों में राज करती है!!
"शिकायते तो बहुत है तुझसे ऐ जिन्दगी,
पर चुप इसलिये हु कि, जो दिया तूने,
वो भी बहुतो को नसीब नहीं होता"..
अजीब सौदागर है ये वक़्त भी!!!!
जवानी का लालच दे के बचपन ले गया....
अब अमीरी का लालच दे के जवानी ले जाएगा. ......
लौट आता हूँ वापस घर की तरफ... हर रोज़ थका-हारा,
आज तक समझ नहीं आया की जीने के लिए काम करता हूँ या काम करने के लिए जीता हूँ।
बचपन में सबसे अधिक बार पूछा गया सवाल -
"बङे हो कर क्या बनना है ?"
जवाब अब मिला है, - "फिर से बच्चा बनना है.
“थक गया हूँ तेरी नौकरी से ऐ जिन्दगी
मुनासिब होगा मेरा हिसाब कर दे...!!”
दोस्तों से बिछड़ कर यह हकीकत खुली...
बेशक, कमीने थे पर रौनक उन्ही से थी!!
भरी जेब ने ' दुनिया ' की पहेचान करवाई और खाली जेब ने ' अपनो ' की.
जब लगे पैसा कमाने, तो समझ आया,
शौक तो मां-बाप के पैसों से पुरे होते थे,
अपने पैसों से तो सिर्फ जरूरतें पुरी होती है। ...!!!
हंसने की इच्छा ना हो...
तो भी हसना पड़ता है...
.
कोई जब पूछे कैसे हो...??
तो मजे में हूँ कहना पड़ता है...
.
ये ज़िन्दगी का रंगमंच है दोस्तों....
यहाँ हर एक को नाटक करना पड़ता है.
"माचिस की ज़रूरत यहाँ नहीं पड़ती...
यहाँ आदमी आदमी से जलता है...!!"
दुनिया के बड़े से बड़े साइंटिस्ट,
ये ढूँढ रहे है की मंगल ग्रह पर जीवन है या नहीं,
पर आदमी ये नहीं ढूँढ रहा
कि जीवन में मंगल है या नहीं।
मंदिर में फूल चढ़ा कर आए तो यह एहसास हुआ कि...
पत्थरों को मनाने में ,
फूलों का क़त्ल कर आए हम
गए थे गुनाहों की माफ़ी माँगने ....
वहाँ एक और गुनाह कर आए हम ।।
अगर दिल को छु जाये तो शेयर जरूर करे..
_▄▄_
(●_●)
╚═►
#3185 ADMIN
12:45:12 PM 01 Dec, 2017
Ⓜ kya khoob likha hai kisine
आगे सफर था और पीछे हमसफर था..
रूकते तो सफर छूट जाता और चलते तो हमसफर छूट जाता..
मंजिल की भी हसरत थी और उनसे भी मोहब्बत थी..
ए दिल तू ही बता,उस वक्त मैं कहाँ जाता...
मुद्दत का सफर भी था और बरसो का हमसफर भी था
रूकते तो बिछड जाते और चलते तो बिखर जाते....
यूँ समँझ लो, प्यास लगी थी गजब की... मगर पानी मे जहर था...
पीते तो मर जाते और ना पीते तो भी मर जाते.
बस यही दो मसले, जिंदगीभर ना हल हुए!!!
ना नींद पूरी हुई, ना ख्वाब मुकम्मल हुए!!!
वक़्त ने कहा.....काश थोड़ा और सब्र होता!!!
सब्र ने कहा....काश थोड़ा और वक़्त होता!!!
सुबह सुबह उठना पड़ता है कमाने के लिए साहेब...।।
आराम कमाने निकलता हूँ आराम छोड़कर।
"हुनर" सड़कों पर तमाशा करता है और "किस्मत" महलों में राज करती है!!
"शिकायते तो बहुत है तुझसे ऐ जिन्दगी,
पर चुप इसलिये हु कि, जो दिया तूने,
वो भी बहुतो को नसीब नहीं होता"..
अजीब सौदागर है ये वक़्त भी!!!!
जवानी का लालच दे के बचपन ले गया....
अब अमीरी का लालच दे के जवानी ले जाएगा. ......
लौट आता हूँ वापस घर की तरफ... हर रोज़ थका-हारा,
आज तक समझ नहीं आया की जीने के लिए काम करता हूँ या काम करने के लिए जीता हूँ।
बचपन में सबसे अधिक बार पूछा गया सवाल -
"बङे हो कर क्या बनना है ?"
जवाब अब मिला है, - "फिर से बच्चा बनना है.
“थक गया हूँ तेरी नौकरी से ऐ जिन्दगी
मुनासिब होगा मेरा हिसाब कर दे...!!”
दोस्तों से बिछड़ कर यह हकीकत खुली...
बेशक, कमीने थे पर रौनक उन्ही से थी!!
भरी जेब ने ' दुनिया ' की पहेचान करवाई और खाली जेब ने ' अपनो ' की.
जब लगे पैसा कमाने, तो समझ आया,
शौक तो मां-बाप के पैसों से पुरे होते थे,
अपने पैसों से तो सिर्फ जरूरतें पुरी होती है। ...!!!
हंसने की इच्छा ना हो... तो भी हसना पड़ता है...
.
कोई जब पूछे कैसे हो...??
तो मजे में हूँ कहना पड़ता है...
.
ये ज़िन्दगी का रंगमंच है दोस्तों....
यहाँ हर एक को नाटक करना पड़ता है.
"माचिस की ज़रूरत यहाँ नहीं पड़ती...
यहाँ आदमी आदमी से जलता है...!!"
दुनिया के बड़े से बड़े साइंटिस्ट,
ये ढूँढ रहे है की मंगल ग्रह पर जीवन है या नहीं,
पर आदमी ये नहीं ढूँढ रहा कि जीवन में मंगल है या नहीं।
मंदिर में फूल चढ़ा कर आए तो यह एहसास हुआ कि...
पत्थरों को मनाने में , फूलों का क़त्ल कर आए हम
गए थे गुनाहों की माफ़ी माँगने ....
वहाँ एक और गुनाह कर आए हम ।।
अगर दिल को छु जाये तो शेयर जरूर करे..
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╚═►
#15501 Altamash
12:00:00 AM 13 Mar, 2017
******एहसास******
एक प्रेमी-युगल शादी से पहले काफी हँसी-मजाक और नोक-झोंक किया करते थे।
शादी के बाद उनमें छोटी छोटी बातो पे झगड़े होने लगे।
.
एक दिन उनकी शादी कि सालगिरह थी
पर बीबी ने कुछ नहीं बोला वो पति का रेस्पॉन्स देखना चाहती थी।
.
सुबह पति जल्दी उठा और घर से बाहर निकल गया।
बीबी रूआंसी हो गई।
.
दो घण्टे बाद डोरबेल बजी वो दौड़ती हुई गई जाकर दरवाजा खोला।
दरवाजे पर गिफ्ट और केक के साथ उसका पति था।
.
पति ने गले लगा के सालगिरह विश किया फिर पति अपने कमरे मेँ चला गया।
तभी अचानक पत्नि के पास पुलिस थाने से फोन आता है की आपके पति की हत्या हो चूकी है उनके जेब में पड़े पर्स से आपका फोन नम्बर ढ़ुंढ़ के कॉल किया गया है।
.
.
पत्नि सोचने लगी की पति तो अभी घर के अन्दर आये है फिर उसे कही पे सुनी एक बात याद आ गई की मरे हुये इन्सान की आत्मा अपनी अंतिम विश पूरी करने एक बार जरूर आती है।
.
.
वो जोर-जोर से रोने लगी।
.
उसे अपना वो सारा चूमना लड़ना झगड़नानोक-झोंक याद आने लगा उसे पश्चाताप होने
लगा की अन्त समय में भी वो अपने पति को प्यार ना दे सकी वो बिलखती हुई रोने लगी।
जब रूम में गई तो देखा उसका पति वहाँ नहीं था।
.
वो चिल्ला चिल्ला के रोती हुई प्लीज कम बैक कम बैक कहने लगी अब कभी नहीं झगड़ूंगी
.
तभी बाथरूम से निकल के उसके कंधे पर किसी ने हाथ रख के पूछा क्या हुआ? .
वो पलट के देखी तो उसके पति थे वो रोती हुई उसके सीने से लग गई फिर सारी बात बताई।
.
तब पति ने बताया की आज सुबह उसका पर्स चोरी हो गया था।
फिर दोस्त की दुकान से ये गिफ्ट वगैरह उधार लिए।
.
.
------------------------------------------------------
*दोस्तो जिन्दगी में किसी की अहमियत तब पता चलती है जब वो नहीँ होता
हम लोग अपने दोस्तोरिश्तेदारो से नोक-झोंक करते है लड़ते झगड़ते भी हैं
पर जिन्दगी की करवटे कभी कभी भूल सुधार का मौका नहीं देती
.
हँसी खुशी में प्यार सेजिन्दगी बिताइये और अपनी नाराजगी को अपनो से
ज्यादा देर तक मत रखिये
#20262 Aman
12:00:00 AM 03 May, 2017
👌 श्मशान के बाहर लिखा था👌
☝मंजिल तो तेरी यही थी
बस ज़िन्दगी गुजर गई आते आते
*क्या मिला तुंझे इस दुनिया से*
*अपनों ने ही जला दिया तुंझे जाते जाते*...
👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌
🅱K
#22402 Aman
12:00:00 AM 20 May, 2017
एक टीचर ने मजाक में
बच्चो से कहा
जो बच्चा कल स्वर्ग से
मिट्टी लायेगा, मैं
उसे इनाम दूँगी..!
अगले दिन टीचर
क्लास में सब बच्चों से
पूछती है.....
क्या कोई बच्चा मिट्टी लाया?
सारे बच्चे खामोश रहते हैं...
एक बच्चा उठकर
टीचर के पास जाता है
और कहता है,
लीजिये मैडम,
मैं लाया हूँ स्वर्ग से
मिट्टी..!
टीचर उस बच्चे को
डांटते हुए कहती है;
मुझे बेवकूफ़ समझता है..
कहाँ से लाया है ये
मिट्टी..?
-
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-
-
-
-
रोते रोते बच्चा बोला -
"मेरी माँ के
पैर के नीचे से......... teacher ro padi aur us bache ko gale lga lia...
Apni ma ke liye 2 bar forwad kar do
न अपनों से खुलता है,
न ही गैरों से खुलता है.
ये जन्नत का दरवाज़ा है,
मेरी माँ के पैरो से खुलता है.!!
💕 love u माँ 💕
कृपया चार ग्रुप में सेंड जरूर करें।
#24890 Afsar
12:00:00 AM 05 Jun, 2017
घायल किया जब अपनो ने, तो गैरो से क्या गिला करना,
उठाये है खंजर जब अपनो ने, तो जिंदगी की तमन्ना क्या करना।
#27807 Rakesh
12:00:00 AM 13 Jun, 2017
चोट लगी तो अपने अन्दर
चुपके चुपके रो लेते हो,
अच्छी बात है
आसानी से ज़ख्मों को तुम धो लेते हो;
दिन भर कोशश करते हो
सब को ग़म का दरमाँ मिल जाये,
नींद की गोली खाकर
शब भर बेफ़िक्री में सो लेते हो;
अपनों से मोहतात रहो,
सब नाहक़ मुश्रिक समझेंगे,
ज्यों ही अच्छी मूरत देखी
पीछे पीछे हो लेते हो;
ख़ुश-एख्लाक़ी ठीक है
लेकिन सेहत पे ध्यान ज़रूरी है,
बैठे बैठे सब के दुख में
अपनी जान भिगो लेते हो;
'अंसारी जी' आस न रक्खो
कोई तुम्हें पढ़ पायेगा,
क्या यह कम है पलकों में
तुम हर्फ़-ए-अश्क पिरो लेते हो।
#39641 Afsar
12:00:00 AM 25 Jul, 2017
छोटी सी ज़िन्दगी है हँस के जियो
भुला के गम सारे दिल से जियो
उदासी में क्या रखा है
मुस्कुरा के जियो
अपने लिए न सही अपनों के लिए जियो