TIPU Bareilly@99 12:00:00 AM 15 Feb, 2017

बेसबब इश्क़ में मरना मुझे मंज़ूर नहीं

शम्अ तो चाह रही है कि पतंगा हो जाऊँ

शायरी कुछ भी हो रुस्वा नहीं होने देती

मैं सियासत में चला जाऊँ तो नंगा हो जाऊँ.

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