कभी उसने भी हमें चाहत का पैगाम लिखा था;
सब कुछ उसने अपना हमारे नाम लिखा था;
सुना है आज उनको हमारे जिक्र से भी नफ़रत है;
जिसने कभी अपने दिल पर हमारा नाम लिखा था।
कभी उसने भी हमें चाहत का पैगाम लिखा था;
सब कुछ उसने अपना हमारे नाम लिखा था;
सुना है आज उनको हमारे जिक्र से भी नफ़रत है;
जिसने कभी अपने दिल पर हमारा नाम लिखा था।
