Afsar 12:00:00 AM 15 Jul, 2017

कुछ भी हो वो अब दिल से जुदा हो नहीं सकते;
हम मुजरिम-ए-तौहीन-ए-वफ़ा हो नहीं सकते;

ऐ मौज-ए-हवादिस तुझे मालूम नहीं क्या;
हम अहल-ए-मोहब्बत हैं फ़ना हो नहीं सकते;

इतना तो बता जाओ ख़फ़ा होने से पहले;
वो क्या करें जो तुम से ख़फ़ा हो नहीं सकते;

इक आप का दर है मेरी दुनिया-ए-अक़ीदत;
ये सजदे कहीं और अदा हो नहीं सकते;

अहबाब पे दीवाने 'असद' कैसा भरोसा;
ये ज़हर भरे घूँट रवा हो नहीं सकते।

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