कभी संभले तो कभी बिखरते आये हम;
जिंदगी के हर मोड़ पर खुद में सिमटते आये हम;
यूँ तो जमाना कभी खरीद नहीं सकता हमें;
मगर प्यार के दो लफ्जो में सदा बिकते आये हम;
कभी संभले तो कभी बिखरते आये हम;
जिंदगी के हर मोड़ पर खुद में सिमटते आये हम;
यूँ तो जमाना कभी खरीद नहीं सकता हमें;
मगर प्यार के दो लफ्जो में सदा बिकते आये हम;