Rakesh 12:00:00 AM 15 Jun, 2017

ज़माने भर की निगाहों में जो खुदा सा लगे;
वो अजनबी है मगर मुझ को आशना सा लगे;

न जाने कब मेरी दुनिया में मुस्कुराएगा;
वो शख्स जो ख्वाबों में भी खफा सा लगे।

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