माना कि प्यार किसी का मेरे पास नहीं;
मगर तुम्हें मेरी मोहबबत का एहसास नहीं;
जाने पी गए हम कितने ग़म-ए-आंसू;
अब कुछ और पाने की प्यास नहीं।
माना कि प्यार किसी का मेरे पास नहीं;
मगर तुम्हें मेरी मोहबबत का एहसास नहीं;
जाने पी गए हम कितने ग़म-ए-आंसू;
अब कुछ और पाने की प्यास नहीं।
