Rakesh 12:00:00 AM 15 Jun, 2017

जो ज़ख्म दे गए हो आप मुझे;

ना जाने क्यों वो ज़ख्म भरता नहीं;
चाहते तो हम भी हैं कि आपसे अब न मिलें;

मगर ये जो दिल है
कमबख्त कुछ समझता ही नहीं।

Related to this Post: