तेरी सादगी को निहारने का दिल करता है;
तमाम उम्र तेरे नाम करने को दिल करता है;
एक मुक़्क़मल शायरी है तू कुदरत की;
तुझे ग़ज़ल बना कर जुबां पर लाने को दिल करता है।
तेरी सादगी को निहारने का दिल करता है;
तमाम उम्र तेरे नाम करने को दिल करता है;
एक मुक़्क़मल शायरी है तू कुदरत की;
तुझे ग़ज़ल बना कर जुबां पर लाने को दिल करता है।