arman 12:00:00 AM 16 Jun, 2017

टूटे हुए दिलों की दुआ मेरे साथ है;
दुनिया तेरी तरफ है ख़ुदा मेरे साथ है;

आवाज़ घुंघरुओं की नहीं है तो क्या हुआ;
सागर के टूटने की सदा मेरे साथ है;

तन्हाई किस को कहते हैं मुझ को पता नहीं;
क्या जाने किस हसीं की दुआ मेरे साथ है;

पैमाना सामने है तो कुछ ग़म नहीं निज़ाम;
अब दर्द-ए-दिल की कोई दवा मेरे साथ है।

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