Afsar 12:00:00 AM 16 Jun, 2017

जब लगा था "तीर"
तब इतना "दर्द" न हुआ ग़ालिब...

"ज़ख्म" का एहसास तब हुआ जब "
कमान" देखी अपनों के हाथ में।

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