Afsar 12:00:00 AM 16 Jun, 2017

ये चिराग़ बे नज़र है
ये सितारा बेज़ुबाँ है;

अभी तुझसे मिलता
जुलता कोई दूसरा कहाँ है;

वही शख़्स जिसपे अपने दिल-
ओ-जाँ निसार कर दूँ;

वो अगर ख़फ़ा नहीं है
तो ज़रूर बदगुमाँ है;

कभी पा के तुझको खोना
कभी खो के तुझको पाना;

ये जनम जनम का रिश्ता
तेरे मेरे दरमियाँ है;

मेरे साथ चलनेवाले तुझे
क्या मिला सफ़र में;

वही दुख भरी ज़मीं है
वही ग़म का आस्माँ है;

मैं इसी गुमाँ में बरसों
बड़ा मुत्मइन रहा हूँ;

तेरा जिस्म बेतग़ैय्युर है
मेरा प्यार जाविदाँ है;

उंहीं रास्तों ने जिन पर
कभी तुम थे साथ मेरे;

मुझे रोक रोक पूछा
तेरा हमसफ़र कहाँ है।

Related to this Post: