अब किसी से बात करना बोलना अच्छा नहीं लगता;
तुझे देखा है जब से दूसरा अच्छा नहीं लगता;
तेरी आँखों में जब से मैंने अपना अक्स देखा है;
मेरे चेहरे को कोई आइना अच्छा नहीं लगता;
यहाँ अहले मोहब्बत उम्र भर बर्बाद रहते हैं;
ये दरिया है इसे कच्चा घड़ा अच्छा नहीं लगता;
तेरे बारे में दिन भर सोचती रहते है लेकिन;
तेरे बारे में सबसे पूछना अच्छा लगता है;
मैं अब चाहत की उस मंज़िल पे आ पहुंचा हूँ;
जहाँ तेरी तरफ किसी का देखना अच्छा नहीं लगता।
